लवलीना का पदक पक्का करने से असम में जश्न
By भाषा | Updated: July 30, 2021 17:17 IST2021-07-30T17:17:45+5:302021-07-30T17:17:45+5:30

लवलीना का पदक पक्का करने से असम में जश्न
गुवाहाटी, 30 जुलाई मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन के तोक्यो ओलंपिक में पदक पक्का करने के बाद असम में जश्न का माहौल बन गया।
असम ओलंपिक समिति के महासचिव लख्य कंवर ने इसे राज्य के लिये सबसे बड़ा खेल का क्षण करार दिया।
लवलीना के तोक्यो में सेमीफाइनल में पहुंचने कुछ ही घंटों में मीडियाकर्मी भी अपनी ओबी वैन में इस 23 साल की वेल्टरवेट मुक्केबाज के गोलाघाट जिले के बारा मुखिया गांव में स्थित घर की ओर बढ़ चले।
लवलीना के पिता टिकेन बोरगोहेन ने भरोसा जताया कि उनकी बेटी निश्चित रूप से दो और जीत दर्ज कर इस कांस्य पदक को स्वर्ण पदक में तब्दील करेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘उसका सपना आखिरकार सच हो रहा है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘उसने 2012 में शुरूआत की थी, तब से वह ओलंपिक में पहुंचने और वहां पदक जीतने के अपने लक्ष्य को पूरा करने में लगी हुई थी।
टिकेन बोरगोहेन ने कहा, ‘‘वह सेमीफाइनल में जीतकर फाइनल में पहुंचेगी, मुझे पूरा भरोसा है। हमने सुबह उससे बात की थी और मुकाबले से पहले उसे आशीर्वाद दिया था। ’’
विश्व चैम्पियनशिप में दो बार की कांस्य पदक विजेता लवलीना असम से ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने वाली पहली महिला मुक्केबाज हैं।
उनके पदक पक्का करते ही स्थानीय लोग भी उनके घर पहुंचने लगे और वे सड़कों पर नाच भी रहे थे। टीवी चैनल के पत्रकारों ने उनसे भी बात की।
खेलों से पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सर्मा ने उन्हें राज्य की ‘बेटी’ बताते हुए उनका समर्थन करने के लिये एक साइकिल रैली को भी हरी झंडी दी थी।
वह शिव थापा के बाद असम से ओलंपिक में पहुंचने वाली दूसरी मुक्केबाज हैं।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।