एकेडमी पहुंचने में होती थी दिक्कत, परिवार वालों ने घर में ही बना दिया शूटिंग रेंज, जानिए सौरभ चौधरी की कहानी
By राजेन्द्र सिंह गुसाईं | Published: February 26, 2019 02:14 PM2019-02-26T14:14:54+5:302019-02-26T14:14:54+5:30
सौरभ के खेल को निखारने के लिए परिवार ने पूरा सहयोग किया। बागपत के बिनौली स्थित जिस अकादमी में सौरभ ट्रेनिंग एशियाड और यूथ वर्ल्ड चैंपियन बनने के लिए प्रशिक्षण लिया, वो काफी छोटी थी।
16 वर्षीय भारतीय शूटर सौरभ चौधरी ने 24 फरवरी को आईएसएसएफ विश्व कप में कीर्तिमान रचते हुए गोल्ड मेडल पर निशाना लगाया। इसी के साथ चौधरी ने तोक्यो ओलंपिक का तीसरा कोटा सुनश्चित कर लिया। पहली बार विश्व कप में भाग ले रहे चौधरी ने पुरुषों की 10 मी एयर पिस्टल स्पर्धा में बिना किसी परेशानी के शीर्ष स्थान प्राप्त किया।
एशियाई खेलों और युवा ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता चौधरी ने कुल 245 अंक बनाये। सर्बिया के दामी मिकेच 239.3 अंक के स्कोर से दूसरे स्थान पर रहे, जबकि कांस्य पदक चीन के वेई पांग ने हासिल किया। उन्होंने 215.2 अंक का स्कोर बनाया। सौरभ ने आठ पुरुषों के फाइनल में दबदबा बनाया और रजत पदकधारी से 5.7 अंक आगे रहे। इस तरह उन्होंने अंतिम शॉट से पहले ही स्वर्ण पदक सुनिश्चित कर लिया था।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सौरभ के खेल को निखारने के लिए परिवार ने पूरा सहयोग किया। बागपत के बिनौली स्थित जिस अकादमी में सौरभ ट्रेनिंग एशियाड और यूथ वर्ल्ड चैंपियन बनने के लिए प्रशिक्षण लिया, वो काफी छोटी थी। यहां वो ठीक से फोकस भी नहीं कर पाते थे। इस दौरान धूप-बरसात के मौसम में भी सौरभ को 12 किमी का सफर टैंपो पर बैठ करना पड़ता था। कलीना से बिनौली पहुंचकर वह 8 घंटे प्रैक्टिस करते थे। इसके अलावा ठंड में सुबह-सुबह तरकरीब 1 घंटा सफर करना पड़ता था।
परिवार ने बेटे की परेशानी को समझते हुए गौशाला से मवेशियों को शिफ्ट किया और वहां पर ही 15 मीट लंबे कमरे में शूटिंग रेंज तैयार कर दी। कोच अमित श्योराण के साथ सौरभ सुबह लगभग 6 घंटे और शाम को 2 घंटे प्रैक्टिस करते थे। जिस मुकाम तक पहुंचने में नामी शूटर्स की उम्र बीत जाती है, उसे सौरभ ने महज 3 सालों में हासिल कर लिया।
एशियन गेम्स में लगा चुके गोल्ड पर निशाना: सौरभ साल 2015 में दिल्ली में आयोजित 59वीं नेशनल चैंपियनशिप में यूथ वर्ग का गोल्ड मेडल जीता चुके हैं। इंडोनिशिया में एशियन गेम्स-2018 में सौरभ चौधरी ने 10 मीटर एयर पिस्टल में गोल्ड जीता था। वहीं जर्मनी के सुहल में आईएसएसएफ जूनियर विश्व कप में विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए सोने पर निशाना साध चुके हैं।