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एआईटीए ने अंकिता, प्रजनेश को अर्जुन जबकि बलराम पिपेर्नो को ध्यानचंद पुरस्कार के लिए नामित किया

By भाषा | Updated: June 29, 2021 16:44 IST

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नयी दिल्ली, 29 जून एशियाई खेलों की कांस्य पदक विजेता अंकिता रैना और प्रजनेश गुणेश्वरन को राष्ट्रीय टेनिस महासंघ द्वारा प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार जबकि बलराम सिंह और एनरिको पिपर्नो के नाम को ध्यानचंद सम्मान लिए नामित किया है।

अंकिता और प्रजनेश दोनों ने जकार्ता एवं पालेमबांग में आयोजित 2018 एशियाई खेलों में एकल कांस्य पदक जीते थे।

अंकिता फिलहाल देश की सर्वश्रेष्ठ एकल (182) और युगल (95) महिला खिलाड़ी हैं और वह अगले महीने तोक्यो खेलों में ओलंपिक पदार्पण करने के लिए तैयार हैं।

अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) के एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘ इस वर्ष हमने अंकिता और प्रजनेश को अर्जुन पुरस्कार के लिए नामांकित किया है, जबकि बलराम सर और एनरिको पिपर्नो के नाम लाइफ टाइम अचीवमेंट सम्मान, ध्यानचंद पुरस्कार के लिए भेजे गए हैं।’’

अंकिता पिछले तीन साल से बिली जीन किंग कप टीम में भारत की अहम खिलाड़ी हैं। इस 28 साल की खिलाड़ी को पिछले वर्ष भी अर्जुन पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था, लेकिन एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता दिविज शरण यह पुरस्कार हासिल करने में सफल रहे।

प्रजनेश फिलहाल भारत के सबसे परिपक्व खिलाड़ियों में से एक हैं। घुटने में फ्रैक्चर के कारण अगर उन्होंने पांच महत्वपूर्ण वर्ष नहीं गंवाए होते, तो उनका करियर पूरी तरह से अलग होता।

चेन्नई के 31 वर्षीय बाएं हाथ का यह खिलाड़ी एटीपी रैंकिंग में 148 वें स्थान पर हैं। उन्होंने देश के लिए पांच डेविस कप मुकाबले खेले हैं।

लाइफटाइम अचीवमेंट श्रेणी में नामांकन पाने वाले बलराम सिंह का भारतीय टेनिस के साथ 50 साल पुराना जुड़ाव है। वह पिपेर्नो के साथ इस सम्मान के लिए दौड़ मे शामिल हैं। उन्होंने 1991-2001 के बीच लगातार 27 बार डेविस कप टीम को कोचिंग दी थी।

इस 73 साल के कोच ने 1966 में जूनियर विम्बलडन और जूनियर यूएस ओपन में खिलाड़ी के तौर पर क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया था।

वह सीनियर चयन समिति के सदस्य हैं और अतीत में इसका नेतृत्व भी कर चुके हैं।

एशियाई खेलों (1982) के रजत पदक विजेता 59 साल के पेपर्नो 1997 से 2003 तक भारत के पहले ग्रैंड स्लैम विजेता महेश भूपति के कोच थे। उन्होंने महान लिएंडर पेस का भी मार्गदर्शन किया है।

वह 2000 से 2012 के बीच भारतीय फेड कप टीम तथा बुसान (2002), दोहा (2006) एवं ग्वांगझू (2010) में एशियाई खेलों में राष्ट्रीय महिला टीम के कोच भी थे।

पिछले साल डेविस कप के पूर्व कोच नंदन बल को ध्यानचंद पुरस्कार दिया गया था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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