Raid मूवी रिव्यूः सौरभ शुक्ला और रितेश शाह के कंधों पर सवार भारत की सबसे बड़ी 'रेड'

By आदित्य द्विवेदी | Published: March 16, 2018 04:26 AM2018-03-16T04:26:51+5:302018-03-17T11:04:23+5:30

'रेड' फिल्म समीक्षा: इनकम टैक्स रेड पर पहले भी फिल्में बनती रही हैं। इस फिल्म में निर्देशक राजकुमार गुप्ता ने सच्ची घटना पर अधिक फोकस करके थ्रिलर पक्ष को कमजोर कर दिया है। इसी विषय पर नीरज पांडेय की स्पेशल-26 तुलनात्मक रूप से बेहतर मानी जाएगी।

Raid Movie Review in Hindi: Ajay Devagn Saurabh Shukla fantastic performance India's longest IT raid | Raid मूवी रिव्यूः सौरभ शुक्ला और रितेश शाह के कंधों पर सवार भारत की सबसे बड़ी 'रेड'

Raid मूवी रिव्यूः सौरभ शुक्ला और रितेश शाह के कंधों पर सवार भारत की सबसे बड़ी 'रेड'

'रेड' फिल्म शुरु होने से पहले एक डिस्क्लेमर आता है, 'यह फिल्म सच्ची घटनाओं से प्रेरित है...।' इस फिल्म का रिव्यू करने से पहले हम भी डिस्क्लेमर के तौर पर आपको दो सच्चे किस्से सुनाना चाहते हैं। 80 के दशक में सबसे लंबी इनकम टैक्स रेड के किस्से। इन्हीं दो घटनाओं पर आधारित है अजय देवगन, सौरभ शुक्ला और इलियाना डिक्रूज के अभिनय से सजी फिल्म रेड। इसकी कहानी और डायलॉग्स रितेश शाह ने लिखे हैं। फिल्म का निर्देशन राजकुमार गुप्ता ने किया है। अजय देवगन 16 मार्च को देशभर के सिनेमाघरों में रेड डालने का सिलसिला शुरू करेंगे।

किस्सा-1: 16 जुलाई 1981 की सुबह करीब आठ बजे का वक्त था। इनकम टैक्स अधिकारियों ने कानपुर के जाने-माने कारोबारी और पूर्व सांसद सरदार इंदर सिंह के ठिकानों पर छापेमारी शुरू की। लखनऊ के आईटी कमिश्नर शारदा प्रसाद पांडेय ने अपने 90 अनुभवी साथियों के साथ इतिहास की सबसे लंबी रेड मारी थी। इन अधिकारियों की सुरक्षा के लिए 200 पुलिसकर्मी भी तैनात किए गए थे। इस रेड में जब्त की गई नकदी को 45 लोगों ने मिलकर घंटों गिना था। इसके अलावा सोना-चांदी और कई कीमती सामान जब्त किए गए। यह रेड शांतिपूर्ण रही।

किस्सा-2:  15 सितंबर 1989 की सुबह का वक्त था। मेरठ में 88 इनकम टैक्स अधिकारियों के हाथ में सीलबंद लिफाफे पकड़ा दिए गए। इसे खोलने पर दो नाम निकले- पेपर मिल मालिक हरीश छाबरा और आभूषण व्यापारी चितरंजन स्वरूप। रेड के दौरान हरीश छाबरा से अधिकारियों की बहस हुई। इस दौरान करीब 2 करोड़ रुपये की बड़ी रकम जब्त की गई थी तभी बाहर से भीड़ के चिल्लाने की आवाजें आने लगी। भीड़ ने पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में आयकर अधिकारियों की पिटाई की। इनमें कई अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए और कई हमेशा के लिए अपंग हो गए। अधिकारियों को बेइज्जत करने के लिए सारे कपड़े उतार लिए गए और भगा दिया गया।

इन सच्ची घटनाओं का फिल्म से क्या कनेक्शन? 

फिल्म के लेखक रितेश शाह ने 80 के दशक की इन दोनों आयकर छापेमारियों को मिलाकर एक कसी हुई कहानी लिखी है। जिसमें रोमांच, ट्विस्ट, ईमानदारी, देशभक्ति और जूनून का समावेश है। निर्देशक राज कुमार गुप्ता ने इसे उतनी ही खूबसूरती से गढ़ने का प्रयास किया है। 80 के दशक का लखनऊ, संगीत, बोली, मिजाज और प्रवाह बना कर रखा गया है। यह फिल्म किसी हाई प्रोफाइल रेड के प्रॉसेस को बहुत करीब से पकड़ती है। कैसे एक भ्रष्ट राजनेता को बचाने के लिए पूरा सिस्टम दखल देता है लेकिन एक ईमानदार अधिकारी उन सभी पर भारी पड़ता है।

अभिनयः हैट्स ऑफ टू सौरभ शुक्ला

अभिनय इस फिल्म की जान है। अजय देवगन ने इनकम टैक्स के डिप्टी कमिश्नर अमय पटनायक का रोल निभाया है। इस फिल्म में अजय देवगन सिंघम के बाजीराव से ज्यादा गंगाजल के एसपी के करीब लगे हैं। अभिनय में इंगेजमेंट की बात करें तो भ्रष्ट राजनेता रामेश्वर सिंह के रोल में सौरभ शुक्ला ने बाजी मार ली है। बेहद गंभीर संवाद के बीच भी उनकी कॉमिक टाइमिंग लाजवाब है। इतिहास की सबसे लंबी रेड बोरिंग नहीं होने पाई इसका बड़ा क्रेडिट सौरभ शुक्ला को जाता है। एक ईमानदार अधिकारी की पत्नी के किरदार में इलियाना डिक्रूज पूरी तरह सहज लगी हैं।

डायलॉग्सः जो फिल्म का सबसे मजबूत पक्ष हैं

इस फिल्म के डॉयलाग्स रितेश शाह ने लिखे हैं। कुछ बानगी पढ़ लीजिए। ये वो डायलॉग्स हैं जो सिनेमा हॉल से निकलने के बाद भी याद रह जाते हैं...

- मैं सिर्फ शादी के दिन ससुराल से खाली हाथ लौटा हूं। वरना जिसके घर सुबह-सुबह पहुंचा हूं कुछ ना कुछ निकाल कर ही लाया हू्ंः अजय देवगन

- कुछो नहीं निकल रहा है, खाली पसीना निकल रहा हैः सौरभ शुक्ला

- इस देश की गरीबी का कारण गरीब नहीं, उनसे लूटने वाले तुम जैसे बेईमान अमीर हैंः अजय देवगन

- सोडे की बोतल है, ताजा-ताजा खुला है। थोड़ा शोर तो करेगा हीः इनकम टैक्स अधिकारी

- हर वक्त हंसी मजाक करती हूं इसका ये मतलब नहीं कि मुझे तुम्हारी ईमानदारी से डर नहीं लगताः इलियाना डिक्रूज

- इस घर में कोई सरकारी अफसर मच्छर मारने नहीं आ सकता, तुम रेड मारने आए होः सौरभ शुक्ला

- इंडिया के ऑफिसर्स का नहीं, उनकी बीवियों का बहादुर होना जरूरी हैः अजय देवगन

देखिए रेड फिल्म का ट्रेलर-

इनकम टैक्स रेड पर पहले भी फिल्में बनती रही हैं। नीरज पांडेय की स्पेशल 26 से राजकुमार गुप्ता की रेड की तुलना करें तो इस सबसे लंबी रेड पर वो फेक रेड भारी पड़ेगी। अक्षय कुमार और अनुपम खेर के अभिनय वाली स्पेशल 26 के कुछ सीन इतने रोमांचक थे कि दर्शकों ने सांसे थामकर देखा था। एक थ्रिलर मूवी से इतना अपेक्षा तो रखना चाहिए। अजय देवगन की रेड में ऐसे सीन की कमी है। शायद फिल्म के बैकग्राउंड स्कोर ने भी साथ नहीं दिया।

Final Verdict: 2 घंटा 8 मिनट की यह फिल्म ध्यान भटकने का मौका नहीं देती। फिल्म मनोरंजक है। रितेश शाह के डायलॉग्स और सौरभ शुक्ला के अभिनय के लिए भी इस फिल्म को देखा जाना चाहिए। अगर इस वीकेंड कुछ खास प्लान नहीं कर रहे हैं तो जा सकते हैं। वैसे भी अप्रैल नजदीक आ रहा है। मनोजरंन तो होगा ही साथ ही साथ इनकम टैक्स भरने की प्रेरणा भी मिल जाएगी।

Web Title: Raid Movie Review in Hindi: Ajay Devagn Saurabh Shukla fantastic performance India's longest IT raid

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