जन्मदिन विशेषः घुंघरू की झनकार से मन मोह लेने वाले पंडित बिरजू महाराज
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: February 4, 2018 10:28 AM2018-02-04T10:28:31+5:302018-02-04T10:34:37+5:30
पंडित बिरजू महाराज ने कथक को ना सिर्फ भारत बल्कि पूरे विश्व में एक अलग मुकाम पर पहुंचाया।
आज सुप्रसिद्ध कथक नर्तक बिरजू महाराज का जन्मदिन है। ऐसी शख्सियत जो घुंघरू की झनकार से दर्शकों का मन मोह लेते हैं। ताल और घुंघरु की तालमेल करना एक नर्तक के लिए आम बात हैं लेकिन अपनी घुंघरु की झनक पर दर्शकों को सम्मोहित करने की बात हो तो बिरजू महाराज का नाम सबसे पहले आता है । उन्होंने कथक को ना सिर्फ भारत बल्कि पूरे विश्व में एक अलग मुकाम पर पहुंचाया। भारत सरकार ने बिरजू महाराज को भारतीय संस्कृति अद्वितीय सम्मान समेत कई विशिष्ट पुरस्कारों से नवाजा गया है।
पंडित बिरजू महाराज का जन्म 4 फरवरी, 1938 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ था। उनके पिता का नाम जगन्नाथ महाराज है और माता जी का नाम अम्मा जी महाराज था । लखनऊ घराने से ताल्लुक रखने वाले महाराज जी जब केवल तीन साल के थे, तभी पिता ने उनमें नृत्य की प्रतिभा को देखते हुए दीक्षा देना शुरू कर दिया था। बिरजू महाराज जब 9 साल के हुए तो उनके पिता की मृत्यु हो गई।
इसके बाद उन्होंने चाचा आचार्य शंभू और लच्छू महाराज से दीक्षा लेना शुरू कर दिया। कुछ वर्षों बाद पंडित दिल्ली आ गए और संगीत भारती में बच्चों को कथक सिखाना शुरू कर दिया। कथक के साथ-साथ बिरजू महाराज को तबला, पखावज, नाल और सितार आदि वाद्य यंत्र में भी महारत हासिल है। बिरजू महाराज एक अच्छे गायक, कवि और चित्रकार भी हैं। उन्होंने कथक को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली में नृत्य स्कूल “कलाश्रम” स्थापित किया, जहाँ कथक के अलावा इससे संबंधित विषयों पर शिक्षा दी जाती है।
बिरजू महाराज का एक लंबा फिल्म सफर भी रहा है। उन्होंने कई हिंदी फिल्मों के लिए डांस निर्देशन किया है। इनमें सत्यजीत राय की शास्त्रीय कृति 'शतरंज के खिलाड़ी, यश चोपड़ा की 'दिल तो पागल है, 'गदर एक प्रेम कथा, डेढ़ इश्किया, संजय लीला भंसाली की फ़िल्म 'देवदास' और बाजीराव मस्तानी का नाम प्रमुख हैं।
बिरजू महाराज को 1986 को पद्म विभूषण सम्मान ,संगीत नाटक अकादमी और कालिदास सम्मान से नावाजा गया। 2016 में पंडित जी को हिन्दी फ़िल्म बाजीराव मस्तानी में "मोहे रंग दो लाल " गाने पर नृत्य-निर्देशन के लिये फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार मिला। 2002 में लता मंगेश्कर पुरस्कार। 2012 मे सर्वश्रेष्ठ नृत्य निर्देशन हेतु राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार फिल्म विश्वरूपम के लिये। 2016 का सर्वश्रेष्ठ नृत्य निर्देशन हेतु फिल्मफेयर पुरस्कार बाजीराव मस्तानी फिल्म के लिए मिला।