महाराष्ट्र लॉकडाउन: लोनावला-खंडाला के तीन हजार चिक्की विक्रेता 'घर' पर, डेढ़ हजार टैक्सी ड्राइवरों की भी 'छुट्टी'
By शिरीष खरे | Published: April 24, 2020 02:24 PM2020-04-24T14:24:47+5:302020-04-24T14:42:57+5:30
लोनावला-खंडाला में अप्रैल से अगस्त और अक्टूबर से फरवरी पर्यटन सीजन होता है. इस दौरान पुणे, मुंबई, सूरत सहित देश भर से लाखों की तादाद में पर्यटक आते हैं.
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के नजदीक लोनावला-खंडाला पर्यटन-स्थल पर हमेशा ही पर्यटकों की भीड़ रहती है. पर, कोरोना संक्रमण रोकने के लिए लॉकडाउन की घोषणा के बाद देश भर के कई पर्यटन-स्थल और हिल-स्टेशन पर पर्यटक की आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई है.
यही हाल लोनावला-खंडाला में भी हैं. इसलिए, यहां पर्यटन की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण लॉयंस पॉइंट, सनसेट पॉइंट, कार्ला और अन्य दर्शनीय स्थलों पर सन्नाटा है. जाहिर है कि बिना पर्यटकों के बाजार भी बंद हैं. इसका असर पर्यटकों पर आश्रित विभिन्न व्यवसायों पर पड़ रहा है. लिहाजा, बड़ी संख्या में होटल-रिसार्ट से जुड़े कर्मचारियों पर तो रोजीरोटी का संकट है ही, चिक्की उत्पादक और टैक्सी ड्राइवर भी प्रभावित हुए हैं.
लोनावला-खंडाला में चिक्की (मूंगफली आदि से तैयार पारंपरिक देसी मिठाई) का कारोबार पूरी तरह पर्यटकों पर निर्भर होता है. यहां की चिक्की देश भर में प्रसिद्ध है. इसलिए, यहां जितने पर्यटक पहुंचते हैं उतनी मात्रा में चिक्की की बिक्री होती है और उसी अनुपात में चिक्की विक्रेताओं को आर्थिक फायदा होता है.
चिक्की कारोबार से जुड़े अजहर शेख बताते हैं कि यहां 15 बड़े व्यवसायी चिक्की उत्पादन करते हैं, जबकि 600 से 800 दुकानों पर चिक्की बिकती हैं और इनके अलावा करीब ढाई हजार फुटकर विक्रेता चिक्की बेचकर अपनी आजीविका चलाते हैं. इस तरह, यहां सिर्फ इसी व्यवसाय से जुड़े करीब तीन हजार परिवारों पर लॉकडाउन का असर पड़ा है.
पर्यटकों द्वारा खरीदी के अलावा यहां की चिक्की मुंबई निर्यात होती है. पर, इन दिनों यह आर्थिक गतिविधि भी प्रभावित हुई है.
लोनावला-खंडाला में अप्रैल से अगस्त और अक्टूबर से फरवरी पर्यटन सीजन होता है. इस दौरान पुणे, मुंबई, सूरत सहित देश भर से लाखों की तादाद में पर्यटक आते हैं. मार्च तक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की परीक्षाएं समाप्त होने के बाद अप्रैल और मई महीने में होटल और रिसार्ट बुक किए जाते हैं. लेकिन, लोनावला होटल एसोसिएशन के मुताबिक कोरोना संकट के करण पिछली एक मार्च से विभिन्न होटलों में करीब ढाई हजार बुकिंग रद्द हो चुकी है. इससे करीब दो सौ होटलों में कार्यरत आठ हजार से ज्यादा कर्मचारी भी प्रभावित हुए हैं.
दूसरी तरफ, लोनावला-खंडाला में पर्यटकों की सेवा के लिए करीब ढाई हजार रिक्शा और टैक्सी वाहन हैं. टैक्सी चालक शंकर लाघे बताते हैं कि बहुत सारे टैक्सी ड्राइवर कर्ज लेकर गैस से चलने वाली गाड़ी खरीद चुके हैं. ऐसे में उनके सामने दोहरा संकट है. उन्हें रोजीरोटी की भी चिंता है और कर्ज चुकता करने की भी चिंता है.