Maharashtra Ki Khabar: दूध का खरीद मूल्य बढ़ाने की मांग को लेकर डेयरी किसानों का आंदोलन

By भाषा | Updated: July 22, 2020 05:58 IST2020-07-22T05:58:00+5:302020-07-22T05:58:00+5:30

दुग्ध खरीद मूल्यों में पांच रुपये की वृद्धि और अन्य मांगों के लिए के लिए सांगली, कोल्हापुर, नासिक, अहमदनगर, बीड और राज्य के अन्य जिलों में प्रदर्शन किया गया।

Maharashtra Ki Khabar: Movement of dairy farmers to increase demand for purchase price of milk | Maharashtra Ki Khabar: दूध का खरीद मूल्य बढ़ाने की मांग को लेकर डेयरी किसानों का आंदोलन

सांकेतिक तस्वीर (File Photo)

Highlightsआंदोलन बढ़ने पर पशुपालन एवं डेयरी विकास मंत्री सुनील केदार ने कहा कि डेयरी किसानों की विभिन्न मांगों पर एक निर्णय कैबिनेट की बैठक में लिया जाएगा।अहमदनगर जिले में डेयरी किसानों और ‘दूध उत्पादक शेतकारी संघर्ष समिति’ के तत्वावधान में विभिन्न संगठनों के सदस्यों ने प्रदर्शन किया।आंदोलनकारियों ने दूध के टैंकरों को रोका और उन्हें सांगली और कोल्हापुर जिलों से गुजरने वाले पुणे-बेंगलुरू राजमार्ग पर इनका दूध बहाया।

पुणे/मुंबई: कोविड-19 महामारी के चलते नुकसान का सामने कर रहे डेयरी किसानों ने दूध का खरीद मूल्य बढ़ाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर मंगलवार को महाराष्ट्र में एक आंदोलन शुरू किया। कोरोना वायरस के प्रकोप और उसके चलते लागू लॉकडाउन के कारण दूध की मांग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। डेयरी किसानों ने अपनी दिक्कतों को रेखांकित करने और वित्तीय नुकसान को दूर करने के लिए अपने उत्पाद की बेहतर कीमत के लिए महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में सड़क पर आंदोलन किया।

दुग्ध खरीद मूल्यों में पांच रुपये की वृद्धि और अन्य मांगों के लिए के लिए सांगली, कोल्हापुर, नासिक, अहमदनगर, बीड और राज्य के अन्य जिलों में प्रदर्शन किया गया। राजू शेट्टी के नेतृत्व वाले किसान संगठन ‘स्वाभिमानी शेतकारी संगठन’ के सदस्यों के साथ मिलकर आंदोलनकारियों ने दूध के टैंकरों को रोका और उन्हें सांगली और कोल्हापुर जिलों से गुजरने वाले पुणे-बेंगलुरू राजमार्ग पर इनका दूध बहाया।

आंदोलन बढ़ने पर पशुपालन एवं डेयरी विकास मंत्री सुनील केदार ने कहा कि डेयरी किसानों की विभिन्न मांगों पर एक निर्णय कैबिनेट की बैठक में लिया जाएगा और इस बात पर जोर दिया कि एमवीए सरकार उन्हें परेशान नहीं होने देगी। शेट्टी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि वे दूध की खरीद की कीमतों में पांच रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी और इसका लाभ सीधे दूध उत्पादकों के खातों में डाले जाने की मांग कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हम दूध उत्पादकों के लिए 30 रुपये की निर्यात सब्सिडी और दूध उत्पादों पर लगाए गए माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को रद्द करने की भी मांग कर रहे हैं।’’ शेट्टी ने 10,000 टन दूध पाउडर आयात करने के केन्द्र के फैसले को रद्द करने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि ‘‘केन्द्र सरकार की नीतियों के चलते’’ राज्य में दूध का व्यापार प्रभावित हुआ है। शेट्टी ने कहा, ‘‘सुबह से ही स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के सदस्य क्षेत्र (सांगली और कोल्हापुर) में आंदोलन कर रहे हैं और दूध के टैंकरों को रोककर दूध सड़कों पर गिरा रहे हैं।’’

सुबह में शेट्टी ने कोल्हापुर जिले के उदगांव में भगवान शिव के एक मंदिर में दूध से अभिषेक किया। कुछ आंदोलनकारियों ने सोलापुर जिले के बरसी तहसील में गायों पर दूध की वर्षा की। अहमदनगर जिले में डेयरी किसानों और ‘दूध उत्पादक शेतकारी संघर्ष समिति’ के तत्वावधान में विभिन्न संगठनों के सदस्यों ने प्रदर्शन किया और कहा कि किसानों को न्यूनतम 30 रुपये प्रतिलीटर की खरीद कीमत मिलनी चाहिए। समिति के संयोजक डा. अजित नवले ने कहा कि केंद्र सरकार को दूध पाउडर आयात का अपना निर्णय तत्काल वापस लेना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि किसानों को 30 रुपये प्रति लीटर खरीद कीमत दी जाए और राज्य सरकारों द्वार 10 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी का भुगतान सीधे उनके खातों में किया जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि किसानों ने मंगलवार को पत्थरों का ‘‘दुग्ध अभिषेक’’ किया लेकिन अगर राज्य सरकार ने उनके आंदोलन का संज्ञान नहीं लिया, तो वे सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं के आवासों के बाहर दूध डालेंगे।

इस बीच सुनील केदार ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार डेयरी किसानों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने के लिए जल्द ही एक योजना लाएगी। केदार ने भाजपा नेता हरिभाऊ बागड़े, पूर्व मंत्री सदाभाऊ खोट और शेट्टी सहित विभिन्न किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की। हालांकि बैठक बेनतीजा रही लेकिन पशुपालन एवं डेयरी विकास मंत्री ने कहा कि किसानों की विभिन्न मांगों पर एक निर्णय कैबिनेट की बैठक में किया जाएगा। उन्होंने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि एमवीए सरकार डेयरी किसानों को परेशान नहीं होने देगी।

केदार ने कहा, "कुछ लोगों (डेयरी किसानों के प्रतिनिधियों) ने 5 रुपये की सब्सिडी की मांग की, जबकि कुछ ने 10 रुपये की सब्सिडी की मांग की। कुछ ने (दूध) पाउडर निर्यात के लिए सब्सिडी की मांग की, जबकि कुछ चाहते थे कि पैसा सीधे किसानों के खातों में भेजा जाए।।’’

मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों पर ध्यान देते हुए एक योजना बनाएगी। केदार ने कहा कि उन्होंने विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बैठक नहीं बुलाई, बल्कि राज्य में कोविड-19 की स्थिति को ध्यान में रखते हुए बैठक बुलाई। खोत ने संवाददाताओं से कहा कि अगर सरकार उचित निर्णय लेने में विफल रहती है तो किसान बड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हम दो दिनों में विरोध प्रदर्शन की दिशा के बारे में फैसला करेंगे।’’

इससे पहले भाजपा की पुणे इकाई के अध्यक्ष जगदीश मुलिक ने भी कहा कि दूध उत्पादकों की मांग पूरी नहीं होने पर वे एक अगस्त से राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे। सोमवार को भाजपा नेताओं ने पुणे में जिलाधिकारी नवल किशोर राम को अपनी मांगों का एक ज्ञापन भी सौंपा था।  

Web Title: Maharashtra Ki Khabar: Movement of dairy farmers to increase demand for purchase price of milk

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