महाराष्ट्र: बैंड कलाकारों को गणेश प्रतिमा विसर्जन पर काम मिलने की उम्मीद, कोरोना से हुआ भारी नुकसान
By भाषा | Published: August 30, 2020 03:17 PM2020-08-30T15:17:53+5:302020-08-30T15:17:53+5:30
औरंगाबाद स्थित बैंड वादक निसार कुरैशी ने कहा, “विवाह समारोह प्रायः मार्च से मई और नवंबर से जनवरी के बीच होते हैं। इस साल आधे सीजन में हमारी कोई आय नहीं हुई क्योंकि लॉकडाउन के कारण विवाह समारोह रद्द हो गए।”
औरंगाबादः कोविड-19 महामारी के मद्देनजर इस साल गर्मियों में विवाह समारोहों पर प्रतिबंध होने के कारण काम मिलने से वंचित रह गए बैंड कलाकारों को उम्मीद है कि मंगलवार को गणेशोत्सव के समापन के दौरान उन्हें फिर से काम मिलेगा। मार्च में लॉकडाउन लागू होने के बाद महाराष्ट्र के औरंगाबाद और नांदेड़ जिले के कई बैंड कलाकारों को अपना पेशा छोड़ना पड़ा था।
लॉकडाउन के कारण पिछले कुछ महीनों में लोगों ने विवाह समारोह टाल दिए या रद्द कर दिए जिससे बैंड कलाकारों को वाद्य यंत्र बजाने का काम नहीं मिला। ‘अनंत चतुर्दशी’ को दस दिवसीय गणेशोत्सव का समापन है और इस दिन प्रतिमाओं का विसर्जन होना है जिसे लेकर बैंड कलाकार उत्साहित हैं और उनमें काम मिलने की आशा जगी है।
औरंगाबाद स्थित बैंड वादक निसार कुरैशी ने कहा, “विवाह समारोह प्रायः मार्च से मई और नवंबर से जनवरी के बीच होते हैं। इस साल आधे सीजन में हमारी कोई आय नहीं हुई क्योंकि लॉकडाउन के कारण विवाह समारोह रद्द हो गए।”
उन्होंने कहा, “हालांकि गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन वाले दिन बड़े जुलूस निकालने की अनुमति नहीं है, फिर भी हमें उम्मीद है कि गाने बजाने का काम मिल जाएगा।” कुरैशी का परिवार चार पीढ़ियों से बैंड बाजे का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थिति की उन्होंने कभी कल्पना नहीं की थी। अशोक मोरे नामक एक अन्य बैंड कलाकार ने कहा कि हर साल उन्हें दूसरे शहरों से भी काम मिलता था लेकिन इस बार एक भी काम नहीं मिला।
उन्होंने कहा, “औरंगाबाद में 50 बैंड बाजे वाले हैं और कर्ज के कारण उनमें से लगभग 10 ने यह पेशा छोड़ने का निर्णय लिया है। सरकार को हमारी मदद करनी चाहिए।” मोरे ने कहा कि सरकार को अपनी समस्याओं से अवगत कराने के लिए बुधवार को प्रदर्शन करने की योजना बनाई जा रही है।