Maharashtra Assembly Election 2019: अस्तित्व के लिए शिवसेना की भाजपा से लड़ाई

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 6, 2019 07:59 AM2019-09-06T07:59:14+5:302019-09-06T07:59:14+5:30

शिवसेना व भाजपा में वर्ष 2014 के चुनाव में गठबंधन नहीं हो सका. इस बार भी हालत ऐसे ही हैं. जिस कारण दोनों पार्टियों ने अपने स्थानीय पदाधिकारियों को अपने दम पर चुनाव की तैयारियां शुरु करने का फरमान दिया है.

Maharashtra Assembly Election 2019: Shiv Sena's fight with BJP for survival | Maharashtra Assembly Election 2019: अस्तित्व के लिए शिवसेना की भाजपा से लड़ाई

Maharashtra Assembly Election 2019: अस्तित्व के लिए शिवसेना की भाजपा से लड़ाई

Highlightsशिवसेना व भाजपा में वर्ष 2014 के चुनाव में गठबंधन नहीं हो सका था.नांदेड़ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में वर्ष 1990 से 2004 तक लगातार चार बार शिवसेना ने अपना परचम लहराया था.

नांदेड़। सत्यजीत सत्वसे

महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले के नौ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में वर्ष 1999 के बाद 2014 में शिवसेना पार्टी ने सबसे अधिक चार सीटें जीतकर वापसी की, जबकि भाजपा को एक व कांग्रेस को चार सीटें मिलीं. इस बार भी गठबंधन नहीं होने पर शिवसेना को कांग्रेस से ज्यादा भाजपा से संघर्ष करना पड़ेगा.

नांदेड़ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में वर्ष 1990 से 2004 तक लगातार चार बार शिवसेना ने अपना परचम लहराया था.

वर्ष 2009 में जैसे ही नांदेड़ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र का विभाजन हुआ, कांग्रेस ने नांदेड़ उत्तर व नांदेड़ दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र की दोनों सीटें जीतकर अपना दबदबा बनाया.

वर्ष 1990 में शिवसेना उम्मीदवार डीआर देशमुख ने कांग्रेस के उम्मीदवार कमलकिशोर कदम को हराया. इसके बाद वर्ष 1995 व 1999 में लगातार दो बार शिवसेना उम्मीदवार प्रकाश खेड़कर ने जीत दर्ज की थी. उनके निधन के बाद उनकी पत्नी अनुसया खेड़कर को शिवसेना पार्टी ने टिकट दिया. लोगों की सहानुभूति से अनुसया खेड़कर वर्ष 2004 के चुनाव में विजयी रहीं. लेकिन इसके बाद वर्ष 2009 के चुनाव में शिवसेना को जीत के लिए तरसना पड़ा.

वर्ष 1999 के विधानसभा चुनाव में नांदेड़ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से प्रकाश खेड़कर, मुखेड़ से सुभाष साबने, हदगांव से सुभाष वानखेड़े व लोहा से रोहिदास चव्हाण ने जीत दर्ज की थी. वर्ष 2009 में शिवसेना को हार का सामना करना पड़ा. इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन टूटने के बाद भी शिवसेना ने अपने दम पर प्रचार कर जिले के नौ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में से चार सीटें जीतीं. जिसमें नांदेड़ दक्षिण से हेमंत पाटील, लोहा से प्रताप पाटील चिखलीकर, हदगांव के नागेश पाटील आष्टीकर व देगलूर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से सुभाष साबने शामिल हैं.

जिले के लोहा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से  प्रताप पाटील चिखलीकर ने अपने प्रतिद्वंद्वी भाजपा के मुक्तेश्वर धोंडगे को 45 हजार 486 वोटों से, हदगांव से नागेश पाटील आष्टीकर ने कांग्रेस के माधवराव पाटील जवलगांवकर को 13 हजार 441,  देगलूर से सुभाष साबने ने कांग्रेस के रावसाहब अंतापुरकर को आठ हजार 648 वोट तथा नांदेड़ दक्षिण विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से शिवसेना के हेमंत पाटील ने भाजपा के दिलीप कंदकुर्ते को तीन हजार 207 वोटों से हराया.

फिर से ‘एकला चलो रे’

शिवसेना व भाजपा में वर्ष 2014 के चुनाव में गठबंधन नहीं हो सका. इस बार भी हालत ऐसे ही हैं. जिस कारण दोनों पार्टियों ने अपने स्थानीय पदाधिकारियों को अपने दम पर चुनाव की तैयारियां शुरु करने का फरमान दिया है. नांदेड़ जिले में शिवसेना ने तीन जिलाध्यक्षों पर विभिन्न विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी है. जिसमें उन्हें कांग्रेस, राकांपा, भाजपा व वंचित मोर्चा के खिलाफ रणनीति तैयार करनी होगी.

दोनों सांसदों की भूमिका अहम

वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में जीतकर विधायक बने प्रताप पाटील चिखलीकर व हेमंत पाटील  वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बने हैं. नांदेड़ के सांसद चिखलीकर व हिंगोली के पाटील दोनों को अपनी पार्टियों के लिए पूरी ताकत झौंकनी होगी.

पहले शिवसेना से विधानसभा चुनाव लड़ चुके चिखलीकर को अब भाजपा के नए पदाधिकारियों के साथ कार्य करना है. वहीं हिंगोली के व नांदेड़ के पदाधिकारियों से साथ हेमंत पाटील ने कार्यकर्ता जोड़ मुहिम शुरुकर दी है.

Web Title: Maharashtra Assembly Election 2019: Shiv Sena's fight with BJP for survival

महाराष्ट्र से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे