महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: बागी उम्मीदवारों ने बढ़ाई बीजेपी-शिवसेना की चुनौती, 50 से ज्यादा सीटों पर बिगाड़ सकते हैं गणित!
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 7, 2019 02:11 PM2019-10-07T14:11:06+5:302019-10-07T14:11:06+5:30
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और शिनसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ये चेतावनी दे चुके हैं कि बागी उम्मीदवार अगर अपना नाम वापस नहीं लेते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, ज्यादातर उम्मीदवार अपना कदम पीछे हटाने के मूड में नहीं हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव-2019 के लिए नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख आज है। हालांकि, बीजेपी और शिवसेना के लिए चुनौती अभी बरकरार है। इन पार्टियों के लिए ये चुनौती उनके ही कई बागी नेता बने हुए हैं जिन्होंने काफी कोशिशों के बावजूद देर शाम रविवार तक अपना नाम वापस लेने से मना कर दिया। एनसीपी और कांग्रेस के लिए भी उनके नाराज नेता चुनौती बने हुए हैं लेकिन इनकी संख्या बीजेपी और शिवसेना के मुकाबले काफी कम है।
बीजेपी और शिवसेना 50 से ज्यादा निर्वाचन क्षेत्रों में 100 से ज्यादा बागी नेताओं का सामना कर रहे हैं जबकि कांग्रेस और एनसीपी के सामने केवल 15 से 20 सीट पर ये चुनौती है। बीजेपी और शिवसेना के उम्मीदवार अपने-अपने सीटों पर नामांकन दाखिल कर चुके हैं। ये बागी उम्मीदवार पूरे महाराष्ट्र में कई सीटों मसलन नासिक, औरंगाबाद, सांगली, ओस्मानाबाद, पुणे और विदर्भ के कई हिस्से में मौजूद हैं।
हालांकि, मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और शिनसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ये चेतावनी दे चुके हैं कि बागी उम्मीदवार अगर अपना नाम वापस नहीं लेते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके बावजूद ये बागी उम्मीदवार अपना कदम पीछे हटाने के मूड में नहीं हैं।
पुणे जिले के डौंड सीट पर राष्ट्रीय समाज पक्ष (आएसपी) के मौजूदा विधायक ने बीजेपी की ओर से नामांकन भरा है। इससे आरएसपी के प्रमुख महादेव जांकर नाराज हैं। इस पार्टी का बीजेपी और शिवसेना के साथ गठबंधन है। इस पार्टी के अब केवल एक उम्मीदवार गंगा खेड़ से मैदान में हैं।
इन बड़े नेताओं को मिल रही है बागियों से चुनौती
विभिन्न पार्टियों के कुछ बड़े चेहरों की अगर बात करें जिन्हें बागी उम्मीदवारों का सामना करना है, उनमें से कुछ प्रमुख नाम ये हैं- पृथ्वीराज चव्हाण (कांग्रेस, कराड से), प्रानिति शिंदे (कांग्रेस, सालपुर से), नितेश राणे (बीजेपी, कंकावली से), लक्ष्मण जगताप (बीजेपी, चिंचवाड़ से), अब्दुल सत्तार (शिवसेना, सिल्लोड से)।
नांदेड़ जिले में भोकार सीट से पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण 90 उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। इस तरह यहां से 91 उम्मीदवार मैदान में हैं। च्वहाण का असल मुकाबला बीजेपी के बाबुराव गोरथेकर और भीबीए के नामदेव एलवर से है। ऐसे ही अमरावती के दरयापुर सीट से पिंपरी-चिंचवाड़ के बीजेपी की बागी सीमा सावले मैदान में हैं। उनका सामना बीजेपी के आधिकारिक उम्मीदवार और मौजूदा विधायक रमेश बुंदिले से है।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार सावले का मानना है कि वह इस सीट पर लोकसभा चुनाव से पहले काम कर रही थीं और सीएम ने तब इसकी सहमति दी थी। इस तरह सावले लगभग साफ कर चुकी हैं कि वे पीछे हटने वाली नहीं हैं। यवतमाल में भी बीजेपी के विधायक मदन येड़ावर को बागी विधायक का सामना करना पड़ा रहा है। उनका सामना शिवसेना के ही बागी संतोष धावले से है। ऐसे ही सतारा जिले के वाई सीट पर बीजेपी उम्मीदवार मदन भोसले को शिवसेना के पुरुषोत्तम जाधव का सामना करना पड़ रहा है।
मिराज में बीजेपी के आधिकारिक उम्मीदवार सुरेश खड़े बीजेपी के ही शुभांगी देवमाने के सामने हैं। सांगली में बीजेपी उम्मीदवार और मौजूदा विधायक सुधीर गड़गील को बीजेपी के ही बागी जेपी शिवाजी डोंगरे से मुकाबला करना है। वासिम सीट पर बीजेपी के आधिकारिक उम्मीदवार लखन मलिक को शिवसेना के निलेश पेंडारकर चुनौती दे रहे हैं। पिंपरी मे शिवसेना के उम्मीदवार बीजेपी नेता के सामने हैं।