चुनाव कोई भी हो, परली निर्वाचन क्षेत्र में मुंडे बहन-भाई के बीच संघर्ष अटल, जानें पूरा समीकरण
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 5, 2019 08:50 IST2019-09-05T08:41:31+5:302019-09-05T08:50:25+5:30
विधानसभा का चुनाव नजदीक आने के साथ ही इन दोनों कद्दावर नेताओं के बीच का सत्ता संघर्ष तेज होता जाता है. परली विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र भाजपा के दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे के क्षेत्र के रूप में जाना जाता है.

चुनाव कोई भी हो, परली निर्वाचन क्षेत्र में मुंडे बहन-भाई के बीच संघर्ष अटल, जानें पूरा समीकरण
सतीश जोशी
चुनाव कोई भी हो, परली विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में जबर्दस्त खींचतान से भरा और संघर्षपूर्ण रहता है. चुनावों में सफलता और नाकामी का गणित दो बहन-भाई - राज्य की ग्रामीण विकास तथा महिला एवं बाल विकास मंत्री पंकजा मुंडे और विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे के साथ जोड़ा जाता है.
विधानसभा का चुनाव नजदीक आने के साथ ही इन दोनों कद्दावर नेताओं के बीच का सत्ता संघर्ष तेज होता जाता है. परली विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र भाजपा के दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे के क्षेत्र के रूप में जाना जाता है. वर्ष 2009 में गोपीनाथ मुंडे ने बीड़ से लोकसभा चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी.
उस समय परली विधानसभा सीट से उनके भतीजे धनंजय मुंडे ने भाजपा के टिकट की मांग की थी, लेकिन टिकट गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे को मिला और यहीं से मुंडे परिवार में राजनीतिक संघर्ष शुरू हो गया. समय के साथ इस राजनीतिक संघर्ष का रूपांतरण पारिवारिक कलह में हो गया.
पिछले पांच वर्षो में मैंने क्षेत्र को करोड़ों रुपए की राशि दिलाई है और इसके चलते यहां काफी विकासकार्य हुए हैं. परली को भयमुक्त कर विकासकार्य करने के साथ ही हमने जनता का विश्वास भी जीता है. हमने सिर्फ सड़क निर्माण नहीं किया, इमारतें ही नहीं बनाईं, बल्कि लोगों को भी अपने साथ जोड़ा है.
- पंकजा मुंडे, ग्रामीण विकास, महिला एवं बाल विकास मंत्री
चाचा-भतीजे में दूरी इतनी बढ़ गई कि धनंजय ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया. वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में धनंजय मुंडे अपनी बहन पंकजा के खिलाफ मैदान में उतरे, लेकिन पंकजा ने उन्हें 25,895 वोट से पराजित कर दिया. बाद में पंकजा को युति सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री बनाया गया. उधर, राकांपा ने भी धनंजय मुंडे को विधान परिषद में विपक्ष का नेता बनाते हुए मजबूती प्रदान की.
इसके बाद से ही दोनों भाई-बहन में इस क्षेत्र पर अपना प्रभुत्व दर्शाने की जोर-आजमाइश जारी है. जिला परिषद और परली नगरपालिका चुनाव में धनंजय मुंडे ने अपनी पार्टी को सफलता दिलाकर पंकजा मुंडे को टक्कर देने का प्रयास किया, लेकिन पंकजा ने हालिया लोकसभा चुनाव में परली निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा को लगभग 18 हजार वोट की बढ़त दिलाकर अपना वर्चस्व दिखा दिया. गत पांच वर्षो में पंकजा ने परली विधानसभा सीट के साथ ही पूरे जिले को बड़े पैमाने पर विकासकार्यो के लिए धनराशि दिलाकर विरोधियों को चुप कर दिया है.
2014 का चुनाव परिणाम
पंकजा मुंडे (भाजपा)- 96,908 वोट
धनंजय मुंडे (राकांपा)- 71,009 वोट
टी.पी. मुंडे (कांग्रेस)- 14,946 वोट