महाराष्ट्रः राधाकृष्ण विखे पाटिल सहित तीन मत्रियों को मिली राहत, नियुक्ति रद्द करने से बंबई HC ने किया इनकार
By रामदीप मिश्रा | Published: September 13, 2019 02:05 PM2019-09-13T14:05:39+5:302019-09-13T14:05:39+5:30
महाराष्ट्र में मंत्री बनाए जाने को लेकर तीन लोगों की नियुक्ति को चुनौती हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए बम्बई उच्च न्यायालय ने विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल तथा दो अन्य मंत्रियों से जवाब तलब किया था।
बंबई हाईकोर्ट ने शुक्रवार (13 सितंबर) को महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार में राधाकृष्ण विखे पाटिल को राहत दे दी। कोर्ट ने महाराष्ट्र के मंत्रियों के तौर पर राधाकृष्ण विखे पाटिल और दो अन्य की नियुक्ति रद्द करने से इनकार किया। उसने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए ऐसी नियुक्तियां नैतिक रूप से सही नहीं है।
महाराष्ट्र में मंत्री बनाए जाने को लेकर तीन लोगों की नियुक्ति को चुनौती हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए बम्बई उच्च न्यायालय ने विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल तथा दो अन्य मंत्रियों से जवाब तलब किया था।
न्यायमूर्ति एस सी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति जी एस पटेल की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि तीनों मंत्रियों से जवाब तलब किया गया है। याचिका में विखे पाटिल, राकांपा से शिवसेना में शामिल हुए जयदत्त क्षीरसागर और आरपीआई (ए) नेता अविनाश महातकर को राज्य सरकार में मंत्री बनाए जाने को चुनौती दी गई थी।
याचिकाकर्ता सुरिंदर अरोड़ा, संजय काले और संदीप कुलकर्णी ने अपनी याचिका में कहा था कि संविधान के अनुसार दल-बदल के आधार पर मंत्री अयोग्य हो जाते हैं। याचिका में इन तीनों मंत्रियों की नियुक्ति को रद्द करने की मांग की गई थी।
कुछ समय पहले तक विखे पाटिल महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता थे। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी और भाजपा में शामिल हो गए थे। पाटिल को 16 जून को देवेंद्र फडणवीस की कैबिनेट में शामिल किया गया था।
बता दें कि राधाकृष्ण विखे पाटिल के बेटे सुजय विखे पाटिल लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस से पाला बदलकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए थे। वह अहमदनगर लोकसभा सीट से 2.81 लाख वोटों से जीते। राधाकृष्ण विखे पाटिल ने अपने बेटे के बीजेपी में शामिल होने के बाद मार्च में विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद से इस्तीफा दे दिया था।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)