अब सुधरेंगे विदर्भ और तेलंगाना के किसानों के हालात, दुनिया की सबसे बड़ी वॉटर लिफ्ट परियोजना हो गई है तैयार

By नितिन अग्रवाल | Published: June 20, 2019 07:39 AM2019-06-20T07:39:51+5:302019-06-20T07:39:51+5:30

परियोजना के तहत चनाका-कोराटा, तुमिडिहट्टी और मेदिगड्डा में तीन बैराज बनाए जा रहे हैं. इससे महाराष्ट्र के चंद्रपुर, गढ़चिरोली और यवतमाल जिलों की 40000 एकड़ भूमि में सिंचाई के लिए पानी मिलेगा.

kaleshwaram lift irrigation project completed, maharashtra cm devendra fadnavis will inaugurate on friday | अब सुधरेंगे विदर्भ और तेलंगाना के किसानों के हालात, दुनिया की सबसे बड़ी वॉटर लिफ्ट परियोजना हो गई है तैयार

अब सुधरेंगे विदर्भ और तेलंगाना के किसानों के हालात, दुनिया की सबसे बड़ी वॉटर लिफ्ट परियोजना हो गई है तैयार

Highlightsविदर्भ के बाद सबसे अधिक किसानों की आत्महत्या वाले राज्य तेलंगाना की किस्मत महाराष्ट्र से निकलने वाली गोदावरी से ही बदलने वाली है.इस परियोजना से 20 जिलों में 37.08 लाख एकड़ भूमि को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा. शुक्रवार को फडणवीस, राव और जगन रेड्डी इसका उद्घाटन करेंगे.

विदर्भ के बाद सबसे अधिक किसानों की आत्महत्या वाले राज्य तेलंगाना की किस्मत महाराष्ट्र से निकलने वाली गोदावरी से ही बदलने वाली है. इसके लिए दुनिया की सबसे बड़ी वॉटर लिफ्ट परियोजना तैयार की गई है. जिससे 20 जिलों में 37.08 लाख एकड़ भूमि को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा.

कालेश्वरम परियोजना के तहत चनाका-कोराटा, तुमिडिहट्टी और मेदिगड्डा में तीन बैराज बनाए जा रहे हैं. इससे महाराष्ट्र के चंद्रपुर, गढ़चिरोली और यवतमाल जिलों की 40000 एकड़ भूमि में सिंचाई के लिए पानी मिलेगा. इसके लिए देवेंद्र फडणवीस सरकार और तेलंगाना की के. चंद्रशेखर राव की सरकारों के बीच अगस्त 2016 में अंतिम समझौता हुआ.

शुक्रवार को फडणवीस, राव और जगन रेड्डी इसका उद्घाटन करेंगे. परियोजना का काम कर रही मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर के निदेशक बी. श्रीनिवास रेड्डी ने बताया कि परियोजना के लिए भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड (बीएचईएल) के साथ मिलकर दुनिया के सबसे बड़े पंप तैयार किए हैं. जो हर रोज 3 टीएमसी पानी पंप करेंगे. इसके लिए 7152 मेगावॉट बिजली की दरकार होगी.

पहले चरण में 2 टीएमसी पानी पंप से उठाया जाएगा. पम्पिंग स्टेशनों का काम रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया. यह योजना पहली बार 1975 में बनाई गई थी लेकिन सरकारों की लापरवाही के चलते इसे अंजाम तक पहुंचाया नहीं जा सका. इस तरह जारी है परियोजना का काम कालेश्वरम परियोजना के तहत 1832 किमी लंबा नहर, सुरंग और प्रेशर पाइपलाइन का जाल बिछाया गया है.

20 पंप स्टेशनों पर 120 विशालकाय पंप के जरिये जमीन के बहुत नीचे बहने वाले गोदावरी के पानी को समुद्र तल से 300 से 650 मीटर ऊपर उठाया जाएगा. गोदावरी नदी के पानी को पहले ही मेदिगड्डा पंप हाऊस की खाड़ी में पहुंचाया जा चुका है.

पंप को ऑन करने के साथ ही गोदावरी का पानी ऊपर आना शुरू हो जाएगा. जिसे भूमिगत पाइप से अन्नाराम बैराज तक पहुंचाया जाएगा.

Web Title: kaleshwaram lift irrigation project completed, maharashtra cm devendra fadnavis will inaugurate on friday

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