गडकरी फर्जी प्रदूषण प्रमाण पत्र मामला: स्टिंग ऑपरेशन की वजह से परिवहन मंत्रालय में बेचैनी

By विकास झाड़े | Published: September 19, 2019 09:40 AM2019-09-19T09:40:44+5:302019-09-19T09:40:44+5:30

नए कानून में वाहन का पीयूसी प्रमाणपत्र नहीं होने पर 10 हजार रुपए जुर्माना, छह महीने की कैद तथा तीन महीने के लिए लाइसेंस रद्द करने का प्रावधान है.

Gadkari fake pollution certificate case: uneasiness in Transport Ministry due to sting operation | गडकरी फर्जी प्रदूषण प्रमाण पत्र मामला: स्टिंग ऑपरेशन की वजह से परिवहन मंत्रालय में बेचैनी

फाइल फोटो

Highlights जिन लोगों ने गडकरी की कार के कागजात पीयूसी सेंटर में पेश किए थे उनके खिलाफ फर्जी प्रमाणपत्र हासिल करने के सिलसिले में पुलिस थाने में मामला दर्ज करने को कहा है. पीयूसी प्रमाणपत्र भ्रष्टाचार मामला उजागर होने के बाद सोमवार को भी अनेक पीयूसी सेंटरों से वाहन को बिना देखे पीयूसी प्रमाणपत्र निकाले गए हैं.

महाराष्ट्र में पीयूसी प्रमाणपत्र देने में हुए भ्रष्टाचार मामले को 'लोकमत समाचार' की ओर से उजागर किए जाने के बाद परिवहन मंत्रालय बेचैन है.

मंत्रालय अपनी खामियां सुधारने के बजाय प्रमाणपत्र लेने वालों पर ही कार्रवाई को आतुर दिख रहा है. 'लोकमत समाचार' ने 17 सितंबर को स्टिंग ऑपरेशन के जरिये केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की दिल्ली में दौड़ने वाली कार का पुणे, नागपुर और चंद्रपुर में पीयूसी प्रमाणपत्र हासिल कर यह बताने की कोशिश की थी कि सरकार प्रदूषण को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है.

इसके अलावा यह बात भी सामने लाई थी कि केंद्र सरकार ने नया मोटर वाहन कानून लागू किया है इसलिए वाहन प्रदूषण के नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों को कड़ी जांच से गुजरना होगा.

नए कानून में वाहन का पीयूसी प्रमाणपत्र नहीं होने पर 10 हजार रुपए जुर्माना, छह महीने की कैद तथा तीन महीने के लिए लाइसेंस रद्द करने का प्रावधान है.

परिवहन मंत्रालय का भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने प्रमाणपत्र देने तथा लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है.

उनके आदेश पर मंगलवार को अपर परिवहन आयुक्त सतीश सहस्त्रबुद्धे ने पुणे, नागपुर और चंद्रपुर के परिवहन अधिकारियों को पत्र भेजकर प्रमाणपत्र देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की सूचना दी है.

इसके अलावा जिन लोगों ने गडकरी की कार के कागजात पीयूसी सेंटर में पेश किए थे उनके खिलाफ फर्जी प्रमाणपत्र हासिल करने के सिलसिले में पुलिस थाने में मामला दर्ज करने को कहा है.

सूत्रों के मुताबिक, स्वयं रावते ने पुणे, पिंपरी-चिंचवड़, नागपुर और चंद्रपुर के परिवहन अधिकारियों को फोन कर प्रमाणपत्र ले जाने वालों को पुलिस हिरासत में लेने के आदेश दिए हैं. जिन पांच लोगों ने प्रमाणपत्र हासिल किए हैं उनमें से तीन लोगों को परिवहन मंत्रालय के अधिकारियों ने पुलिस थाने में मामला दर्ज करने की धमकी दी है.

अब भी दिए जा रहे हैं फर्जी पीयूसी प्रमाणपत्र

पीयूसी प्रमाणपत्र भ्रष्टाचार मामला उजागर होने के बाद सोमवार को भी अनेक पीयूसी सेंटरों से वाहन को बिना देखे पीयूसी प्रमाणपत्र निकाले गए हैं. कुछ लोगों ने 'लोकमत समाचार' को फोन कर पूछा कि क्या हम भी आपको फर्जी पीयूसी प्रमाणपत्र भेजें?

Web Title: Gadkari fake pollution certificate case: uneasiness in Transport Ministry due to sting operation

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