बोइंग 777, 787ः एमआरओ को मिला ईएएसए सर्टिफिकेट, एयर इंडिया की बढ़ी महत्ता
By वसीम क़ुरैशी | Published: August 14, 2020 04:55 PM2020-08-14T16:55:26+5:302020-08-14T16:55:26+5:30
लॉकडाउन लगने के कुछ दिन पहले ही इस सर्टिफिकेशन के लिए एमआरओ का ऑडिट हुआ था. इसके बाद गुरुवार को ही एमआरओ को इसका सर्टिफिकेट हासिल हुआ है. ईएएसए सर्टिफिकेशन के लिए एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेस लिमिटेड (एआईईएलएल) ने बीते साल के अंत में ही आवेदन किया था.
नागपुरः नागपुर में एयर इंडिया के एमआरओ को बोइंग 777 व 787 विमानों के इंजन टेस्ट के लिए यूरोपियन एविएशन सेफ्टी एजेंसी (ईएएसए) का सर्टिफिकेट मिल गया है.
लॉकडाउन लगने के कुछ दिन पहले ही इस सर्टिफिकेशन के लिए एमआरओ का ऑडिट हुआ था. इसके बाद गुरुवार को ही एमआरओ को इसका सर्टिफिकेट हासिल हुआ है. ईएएसए सर्टिफिकेशन के लिए एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेस लिमिटेड (एआईईएलएल) ने बीते साल के अंत में ही आवेदन किया था.
इसके बाद 2020 में बेल्जियम से पहुंची ईएएसए की टीम ने एमआरओ का ऑडिट किया था. उल्लेखनीय है कि इस सर्टिफिकेशन के बाद इंजन टेस्टिंग के लिए किसी भी देश के बोइंग के 777 व 787 जहाज एमआरओ में लाए जा सकते हैं. हालांकि अभी एमआरओ में इंजन शॉप की इमारत का काम शेष है.
इसके अलावा हैंगर के लिए ईएएसए का ऑडिट शेष है. बहरहाल एमआरओ को डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) के अप्रूवल के साथ फेडरल एविएशन एजेंसी (एफएए) का पहले से सर्टिफिकेशन हासिल है.
अब बोइंग के दो प्रकार के विमानों के इंजन के लिए तीसरा सर्टिफिकेशन भी हासिल हो चुका है. विमानों के रखरखाव की दृष्टि से ये सर्टिफिकेशन नागपुर में एयर इंडिया एमआरओ के अंतर महाद्वीपीय व्यापार को बढ़ाने में सहायक होगा.
वंदे भारत के लिए चल रहे विमान का सी चैक -एमआरओ में जारी है एयर इंडिया के विमान का रखरखाव
वंदे भारत अभियान के तहत यूएस के लिए चल रहे एयर इंडिया के विमान का एमआरओ में रखरखाव चल रहा है. एमआरओ में इसका मेजर चैक किया जा रहा है. इसका मेंटेनेंस अगस्त के अंत तक पूरा होगा. एयर इंडिया का ये विमान बोइंग 777 है. इसकी यात्री क्षमता 350 है.
लंबी दूरी तक नॉन स्टॉप फ्लाइट के लिए इस जहाज का उपयोग किया जाता है. इसके अलावा बीते करीब 9 माह से एक 777 विमान भी यहां रखरखाव के लिए खड़ा हुआ है. इसके लिए स्पेयर पार्ट्स की आवश्यकता है. लेकिन इसके लिए विदेश से पार्ट नहीं लाए जा सके हैं.
सूत्रों के अनुसार लॉकडाउन और कर्मचारियों की कमी के चलते इसका मेंटेनेंस अटक गया था. अब कुछ विशेष उड़ानों के जरिए पार्ट्स लाने की उम्मीद जताई जा रही है. कोविड-19 का असर एमआरओ पर भी व्यापक रूप में हुआ है. यदि इस महामारी की गाज न गिरी होती तो एमआरओ में अब तक कई और नए आयाम जुड़ चुके होते.