रविवार मध्य रात्रि से 24 घंटे के लिए खुलेंगे भगवान नागचन्‍द्रेश्‍वर के पट, सोमवार को श्री महाकालेश्वर मंदिर में नागपंचमी का पर्व मनाया जाएगा

By बृजेश परमार | Published: August 19, 2023 06:49 PM2023-08-19T18:49:26+5:302023-08-19T18:50:41+5:30

सोमवार को श्री महाकालेश्वर मंदिर में नागपंचमी का पर्व मनाया जाएगा। देश के कोने-कोने से काफी संख्‍या में श्रद्धालु भगवन नागचन्‍द्रेश्‍वर के दर्शन के लिए आयेंगे। इसे देखते हुए प्रशासन ने व्‍यापक व्‍यवस्‍थाएं सुनिश्चित की हैं।

Lord Nagchandreshwar's doors will open for 24 hours from Sunday midnight Mahakaleshwar Temple | रविवार मध्य रात्रि से 24 घंटे के लिए खुलेंगे भगवान नागचन्‍द्रेश्‍वर के पट, सोमवार को श्री महाकालेश्वर मंदिर में नागपंचमी का पर्व मनाया जाएगा

श्री महाकालेश्वर मंदिर के द्वितीय तल में स्थित हैं भगवान श्री नागचंद्रेश्वर

Highlights20 अगस्त की मध्य रात्रि को भगवान श्री नागचंद्रेश्वर के पट खोले जाएंगेश्री महाकालेश्वर मंदिर के द्वितीय तल में स्थित हैं भगवान श्री नागचंद्रेश्वर सोमवार को श्री महाकालेश्वर मंदिर में नागपंचमी का पर्व मनाया जाएगा

उज्‍जैन: रविवार, 20 अगस्त की मध्य रात्रि को भगवान श्री महाकालेश्वर मंदिर के द्वितीय तल में स्थित भगवान श्री नागचंद्रेश्वर के पट खोले जाएंगे। इसके बाद से ही श्रद्धालुओं के दर्शनों  का सिलसिला अगले 24 घंटे के लिए शुरू हो जाएगा। सोमवार 21 अगस्‍त को नागपंचमी पर्व की मध्य रात्रि को  मंदिर के पट पुन: मंगल किए जाएंगे।

सोमवार को श्री महाकालेश्वर मंदिर में नागपंचमी का पर्व मनाया जाएगा। देश के कोने-कोने से काफी संख्‍या में श्रद्धालु भगवन नागचन्‍द्रेश्‍वर के दर्शन के लिए आयेंगे। इसे देखते हुए प्रशासन ने व्‍यापक व्‍यवस्‍थाएं सुनिश्चित की हैं। श्री महाकालेश्‍वर मंदिर के द्वितीय तल पर श्री नागचन्‍द्रेश्‍वर मंदिर के पट साल में एक बार 24 घंटे सिर्फ नागपंचमी के दिन खुलते है।

 हिंदू धर्म में सदियों से नागों की पूजा करने की परंपरा रही है। हिंदू परंपरा में नागों को भगवान का आभूषण भी माना गया है। श्री महाकाल मंदिर के गर्भगृह के उपर ओंकारेश्‍वर मंदिर और उसके भी शीर्ष पर श्री नागचन्‍द्रेश्‍वर का मंदिर प्रतिष्‍ठापित है। श्री नागचन्‍द्रेश्‍वर मंदिर में 11 वीं शताब्‍दी की एक अद्भुत प्रतिमा स्‍थापित है, प्रतिमा में श्री नागचन्‍द्रेश्‍वर स्‍वयं अपने सात फनों से सुशोभित हो रहे है। साथ में शिव-पार्वती के दोनों वाहन नंदी एवं सिंह भी विराजित है। मूर्ति में श्री गणेश की ललितासन मूर्ति, उमा के दांयी ओर कार्तिकेय की मूर्ति व उपर की ओर सूर्य-चन्‍द्रमां भी अंकित है। इस प्रकार श्री नागचन्‍द्रेश्‍वर की मूर्ति अपने आप में भव्‍य एवं कलात्‍मकता का उदाहरण है। भगवान के गले और भुजाओं में भुजंग लिपटे हुए है। बताया जाता है कि यह प्रतिमा नेपाल से यहां लाई गई थी। ऐसी मान्‍यता है कि, उज्‍जैन के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसी प्रतिमा नहीं है।

श्री नागचन्‍द्रेश्‍वर की मुख्‍य प्रतिमा (शिवलिंग) के दर्शन भी

रविवार की रात्रि 12 बजे पट खुलेंगे। पट खुलने के बाद रात्रि 12 बजे विशेष पूजा-अर्चना के साथ आम भक्‍तों के लिये मंदिर के पट खुल जायेंगे और नागचन्‍द्रेश्‍वर महादेव के लगातार 24 घंटे दर्शन होंगे। मंदिर के पट सोमवार की रात्रि 12 बजे बंद होंगे।  इस दौरान भगवान श्री नागचंद्रेश्वर की त्रिकाल पूजा होगी। रविवार की मध्यरात्रि 12 बजे पट खुलने के पश्‍चात श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाडे के महंत विनितगिरी महाराज एवं श्री महाकालेश्‍वर मंदिर प्रबंध समिति कलेक्‍टर एवं अध्‍यक्ष कुमार पुरुषोत्तम प्रथम पूजन व अभिषेक करेंगे। सोमवार मध्यकाल में 12 बजे अखाडे द्वारा पूजन होगा। श्री महाकालेश्‍वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा सोमवार 21 अगस्‍त को ही श्री महाकालेश्‍वर भगवान की सायं आरती के पश्‍चात श्री नागचन्‍द्रेश्‍वर जी की पूजन-आरती श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी एवं पुरोहितों द्वारा की जाएगी।

Web Title: Lord Nagchandreshwar's doors will open for 24 hours from Sunday midnight Mahakaleshwar Temple

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