सीएम कमलनाथ ने मंत्रियों को दिखाई आंख- लोकसभा चुनाव 2019 जिताओ या कुर्सी छोड़ो
By शिवअनुराग पटैरया | Published: February 13, 2019 06:14 AM2019-02-13T06:14:03+5:302019-02-13T06:14:03+5:30
राजनीतिक क्षेत्रों में माना जा रहा है कि आने वाले दिनों कांग्रेस के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी बसपा और सपा पूरी ताकत के साथ लोकसभा चुनाव को लेकर मैदान में शक्रिय हो जाएंगे
लोकसभा चुनाव के लिए भले ही तारीखों का एलान न हुआ हो लेकिन मध्यप्र्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने मंत्रियों को लोकसभा चुनाव के लिए मैदान में झोंक दिया है. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्रियों को उनके गृह और प्रभार वाले जिलों में कांग्रेस को जीत दिलाए जाने का कार्य मंत्रियों को सौंपा है.
मध्यप्रदेश में कुल 29 लोकसभा क्षेत्र हैं इनमें से 26 पर भाजपा और 3 पर कांग्रेस काबिज है. वैसे 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को सिर्फ कांग्रेस को केवल दो लोकसभा क्षेत्रों छिंदवाड़ा और गुना-शिवपुरी से जीत हासिल हुई थी. यहां से क्रमश: कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जीत दर्ज कराई थी. इसके बाद झाबुआ के भाजपा सांसद दिलीप सिंह भूरिया की मृत्यु हो जाने पर वहां से कांगे्रस के कांतिलाल भूरिया ने जीत दर्ज कराई थी.
पिछले लोकसभा चुनाव के जो गणित है उसके हिसाब से कांग्रेस के समाने बड़ी ही चुनौती मौजूद है. पिछले विधानसभा चुनाव में आए नतीजों से उत्साहित कांग्रेस को लगने लगा है कि अगर उसने ठीक ठाक तरीके से काम किया तो उसे लोग मध्यप्रदेश लोकसभा चुनाव में 15-20 तक सीटें मिल सकती है वैसे पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजों को लोकसभा के सदंर्भ में देखा जाए तो उसमें लगभग 1 दर्जन क्षेत्रों में भाजपा बढ़त बनाई थी.
इसीलिए मुख्यमंत्री कमलनाथ विधानसभा चुनाव के जनादेश को दोहराने की योजना पर काम कर रहे है. इसी के तहत उन्होंने अपनी कैबिनेट के सभी 28 मंत्रियों को लोकसभा चुनाव के लिए जिलेवार जबावदार बना दिया है. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पिछले दिनों राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मंत्रियों साफ-साफ बता दिया कि वह अपने गृह जिले और प्रभार वाले जिले में कांग्रेस के प्रदर्शन के लिए जबावदेह होंगे. मुख्यमंत्री ने अपने सभी 28 मंत्रियों को यह चेता दिया कि लोकसभा चुनाव में उनके गृह और प्रभार वाले जिले में ही उनके मंत्रि बने रहने की गारंटी होगा. अगर उनके प्रभार और गृह जिलों में कांग्रेस का प्रदर्शन ठीक तो वे मंत्री बने रहेंगे अन्यथा उनकी छुट्टी हो जाएगी.
मुख्यमंत्री कमलनाथ के साफ-साफ संदेश के बाद मंत्री लोकसभा चुनाव की जमीनी तैयारियों में लग गए है. इनमें वह मंत्री ज्यादा परेशान जिनकें जिलों में कांग्रेस का प्रदर्शन पिछले लोकसभा चुनाव में ठीक नही रहा था. कमलनाथ खुद छिंदवाड़ा जिले से आते है इसलिए वहां के प्रभारी मंत्री को कोई दिक्कत नहीं है. इसी तरह गुना और शिवपुरी के प्रभारी मंत्रियों इमरती देवी और प्रद्युम्म सिंह तोमर को भी कोई चिंता नहीं है क्योंकि उन्हें लगता है कि उनके इलाके में महाराजा यानि ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम ही काफी है. वैैसे अन्य जिलों से जुडे मंत्री भी अपने-अपने तरीके से गणित बैठा रहे है.
राजनीतिक क्षेत्रों में माना जा रहा है कि आने वाले दिनों कांग्रेस के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी बसपा और सपा पूरी ताकत के साथ लोकसभा चुनाव को लेकर मैदान में शक्रिय हो जाएंगे वैसे पिछले 8 फरवरी को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी किसान आभार सम्मेलन के बहाने मध्यप्रदेश कांग्रेस के चुनाव अभियान का श्रीगणेश कर ही चुके है.