ओपी राजभर की एनडीए वापसी में योगी सरकार के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और मंत्री दयाशंकर सिंह साबित हुए तुरुप का पत्ता
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 18, 2023 09:44 AM2023-07-18T09:44:16+5:302023-07-18T09:54:24+5:30
सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर की एनडीए वापसी में योगी सरकार के दो ताकवर शख्सियतों ने सूत्रधार की भूमिका निभाई और उनमें से एक थे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक जबकि दूसरे थे सूबे के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह।
लखनऊ: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने लोकसभा चुनाव के पहले एनडीए खेमे में वापसी कर ली है। दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में सुभासपा प्रमुख राजभर ने अपने बेटे अरुण राजभर के साथ घर वापसी की लेकिन इस पूरे प्रकरण में योगी सरकार के दो ताकवर शख्सियतों ने सूत्रधार की भूमिका निभाई और उनमें से एक थे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और दूसरे थे सूबे के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह।
खबरों के मुताबिक योगी सरकार मे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और मंत्री दयाशंकर सिंह ही वो दो शख्स थे, जिन्होंने भाजपा और सुभासपा के बीच पुल का का किया। समाचार वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार बीते 3 जुलाई को राजभर और शाह के बीच दिल्ली में हुई मुलाकात का प्रबंध उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने किया था।
उसी बैठक में अमित शाह और ओपी राजभर के बीच गठबंधन की रूपरेखा तय की गई और फिर उसके एक हफ्ते के बाद ओपी राजभर ने गजीपुर के जखनिया से सुभासपा के विधायक बेदी राम के साथ ब्रजेश पाठक से लखनऊ स्थित उनके आवास पर मुलाकात की। बताया जा रहा है कि उस बैठक में राजभर ने ब्रजेश पाठक से एनडीए वापसी के लिए 'हां' कहा और फिर पाठक ने सीधे अमित शाह के पास राजभर का ग्रीन सिग्नल भेजा। इस तरह से छह दिन बाद अमित शाह ने ओपी राजभर को दिल्ली बुलाया गया और उस बैठक के कुछ दिनों बाद भाजप-सुभासपा के बीच औपचारिक गठबंधन का ऐलान हुआ।
बताया जा रहा है कि ओपी राजभर भी मंगलवार को दिल्ली के होटल अशोक में होने वाली एनडीए घटक दलों की बैठक में बतौर घटक दल हिस्सा लेंगे और यह सब इस कारण हो रहा है क्योंकि ब्रजेश पाठक और दयशंकर सिंह विधानसभा चुनाव 2022 के बाद से लगातार ओपी राजभर के संपर्क में थे।
खबरों के मुताबिक ब्रजेश पाठक अक्सर ओपी राजभर के साथ मुलाकात में उन्हें भाजपा से हाथ मिलाने का न्योता देते रहते थे। कहा जाता है कि ओपी राजभर और ब्रजेश पाठक के बीच काफी 'गहरी दोस्ती' है। राजभर के एनडीए में आने के संकेत उसी समय से मिलने लगे थे, जब राजभर और पाठक इस साल मई में विधान परिषद चुनाव में वोट डालने के लिए एक साथ विधानसभा परिसर पहुंचे और फिर वोट देने के बाद एक ही कार में निकल गए।
दावा तो यहां तक किया जाता है कि सुभासपा विधायकों ने विधान परिषद चुनाव के मतदान में दो सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में वोट दिया और उस कारण ही भाजपा के दोनों प्रत्याशियों की जीत हुई।
इसके साथ ही यूपी के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह का रोल भी राजभर को दोबारा एनडीए की दहलीज पर लाने के बेहद अहम माना जा रहा है। माना जा रहा है कि मंत्री दयाशंकर सिंह भी 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद से लगातार प्रयास कर रहे थे कि ओपी राजभर सपा खेमा छोड़कर भाजपा के साथ आ जाएं।
दयाशंक सिंह मंत्री होते हुए इस साल मार्च में चाय पीने के लिए सीधे ओपी राजभर के आवास पर चले गये थे। दयाशंकर सिंह ने चाय पर हुई चर्चा के बाद कहा कि वो राजभर से बस स्टेशन के विकास पर चर्चा करने के लिए आये थे।
खबरों के अनुसार दयाशंकर सिंह ही वह व्यक्ति थे, जिन्होंने 2017 के यूपी चुनाव में भाजपा-सुभासपा को एक मंच पर लाने में बड़ी भूमिका अदा की थी। 2017 के विधानसभा चुनाव में सुभासपा ने कुल चार सीटें जीतीं। जिसके बाद योगी मंत्रिमंडल में ओपी राजभर को भी जगह दी गई थी। लेकिन बाद में कई मुद्दों पर टकराव के बाद उन्होंने योगी सरकार से इस्तीफा देते हुए भाजपा से नाता तोड़ लिया था।