मजुफ्फरनगर दंगे: संजीव बालियान और साध्वी प्राची पर लगे दो मामले वापस ले सकती है योगी आदित्यनाथ सरकार
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: April 26, 2018 09:08 AM2018-04-26T09:08:45+5:302018-04-26T09:09:01+5:30
योगी आदित्यनाथ सरकार के कानून विभाग ने मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी से इस बाबत 13 बिंदुओं वाले पत्र में जवाब माँगा है।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसदों संजीव बालियान और साध्वी प्राची के खिलाफ दायर हेट स्पीच समेत अन्य आपराधिक मामलों को वापस लिए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार ये दोनों मामले साल 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगों से पहले हुई दो महापंचायतों से जुड़े हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इन महापंचायतों में साध्वी ुप्राची, बीजेपी सांसद कुंवर भारतेंद्र सिंह, संजीव बालियान और बीजेपी विधायक उमेश मलिक, संगीत सोम और सुरेश राणा शामिल हुए थे।
इससे पहले योगी आदित्यनाथ सरकार ने साल 2013 में हुए मुजफ्फनगर दंगों से जुड़े 131 मुकदमे वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की थी। मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़े मामलों में 13 मुकदमे हत्या के थे। रिपोर्ट के अनुसार ये एक महापंचायत 31 अगस्त 2013 को हुई थी और दूसरी सात सितंबर 2013 को जिसमें सचिन और गौरव नामक दो युवकों की मौत पर चर्चा हुई थी। इन दोनों युवकों को कथित तौर पर 27 अगस्त को कवाल गाँव के शाहनवाज की हत्या के बाद भीड़ ने पीटकर मार डाला था। इन तीनों हत्याओं के बाद सात सितंबर से पूरे इलाके में हिंसा भड़क उठी थी।
रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश क कानून विभाग ने मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी को एक पत्र भेजकर इन मामलों से जुड़े 13 बिंदुओं पर जवाब माँगा था। इस पत्र में जिलाधिकारी से जनहित को ध्यान में रखते हुए इन अभियुक्तों पर लगे आरोप वापस लेने के बारे में भी पूछा गया था। रिपोर्ट के अनुसार अभी तक ये रिपोर्ट कानून विभाग के पास नहीं जमा हुई है क्योंकि जिलाधिकारी को अभी तक मुजफ्फरनगर पुलिस ने अपनी राय नहीं भेजी है। यूपी सरकार द्वारा माँगी गयी जानकारी भेजने के बारे में मुजफ्फरनगर के डीएम राजीव शर्मा ने इंडियन एक्सुप्रेस से कहा, "ये लम्बी प्रक्रिया है और इसमें समय लगता है।"
31 अगस्त 2013 को हुई महापंचायत से जुड़े मामले में साध्वी प्राची और संजीव बालियान समेत कुल 14 अभियुक्त हैं। पुलिस मामले में आरोपपत्र दायर कर चुकी है। सात सितंबर 2013 को हुई महापंचायत से जुड़े केस में 13 अभियुक्त हैं जिनमें साध्वी प्राची और संजीव बालियान भी शामिल हैं। पुलिस इस मामले में भी आरोपपत्र दायर कर चुकी है।
योगी आदित्यनाथ सरकार ने इससे पहले पूर्व बीजेपी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ डेढ़ दशक पुराने नाबालिग से रेप के केस को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की थी। योगी आदित्यनाथ सरकार ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ पर लगे 20 साल पुराने हेट स्पीच के मामले को भी वापस लिया था।