YES Bank surges: सीईओ प्रशांत कुमार बोले- यस बैंक में नकदी मोर्चे पर चिंता की बात नहीं, पाबंदी 18 मार्च को खत्म
By भाषा | Published: March 17, 2020 06:41 PM2020-03-17T18:41:42+5:302020-03-17T18:41:42+5:30
आरबीआइ्र द्वारा शुक्रवार को अधिसूचित पुनर्गठन योजना के तहत यह पाबंदी 18 मार्च को शाम 6 बजे तक हट जाएगी। कुमार ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने पर्याप्त एहतियाती कदम उठाये हैं। हमारे सभी एटीएम नकदी से भरे हैं। इसीलिए यस बैंक की तरफ से नकदी के मोर्चे पर कोई समस्या नहीं है।’’
मुंबईःयस बैंक के नामित मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रशांत कुमार ने मंगलवार को कहा कि नकदी के मोर्चे पर वास्तव में कोई समस्या नहीं है और बैंक का पूरा कामकाज बुधवार की शाम से सामान्य हो जाएगा। रिजर्व बैंक ने पांच मार्च को संकट में फंसे निजी क्षेत्र के बैंक पर रोक लगायी थी।
इसमें प्रति खाताधारक 50,000 रुपये की निकासी सीमा शामिल है। आरबीआइ्र द्वारा शुक्रवार को अधिसूचित पुनर्गठन योजना के तहत यह पाबंदी 18 मार्च को शाम 6 बजे तक हट जाएगी। कुमार ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने पर्याप्त एहतियाती कदम उठाये हैं। हमारे सभी एटीएम नकदी से भरे हैं। इसीलिए यस बैंक की तरफ से नकदी के मोर्चे पर कोई समस्या नहीं है।’’
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नकदी के लिये बाहरी स्रोतों पर निर्भर होने की जरूरत नहीं होगी। कुमार ने कहा, ‘‘लेकिन अगर मामला बनता है, नकदी के वे स्रोत पर्याप्त रूप से उपलब्ध होंगे।’’ उन्होंने जमाकर्ताओं को आश्वस्त किया कि उन्हें अपनी जमा राशि को लेकर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि रोक हटने के बाद बैंक के सभी ग्राहक बैंक की पूरी सुविधाएं का लाभ उठा सकेंगे। कुमार के अनुसार बैंक के केवल एक तिहाई ग्राहकों ने ही अपने खातों से 50,000-50,000 रुपये तक की निकासी की। पुनर्गठन योजना के बारे में कुमार ने कहा कि सरकार, आरबीआई और अन्य वित्तीय संस्थानों के समर्थन से बैंक में संकट को 13 दिनों के भीतर दूर कर लिया गया।
योजना के तहत यस बैंक ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) समेत आठ वित्तीय संस्थानों से 10,000 करोड़ रुपये प्राप्त किये हैं। इसमें एसबीआई से 6,050 करोड़ रुपये मिला है। एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि स्टेट बैंक के पास यस बैंक के जो भी शेयर हैं, उसमें से तीन साल की तय बंधक अवधि से पहले एक भी शेयर नहीं बेचा जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय स्टेट बैंक दूसरे दौर के पूंजी समर्थन में यस बैंक में अपनी हिस्सेदारी को 42 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करेगा।