Yes Bank Crisis: कौन हैं यस बैंक के फाउंडर राणा कपूर, किस खामी के चलते YES बैंक को NO कह रहे लोग, जानें सबकुछ
By गुणातीत ओझा | Published: March 7, 2020 11:55 AM2020-03-07T11:55:48+5:302020-03-07T11:55:48+5:30
बुरे दौर से गुजर रहे इस बैंक की हालात के लिए बैंक के फाउंडर राणा कपूर को माना जा रहा है। राणा कपूर यस बैंक के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ भी रह चुके हैं।
बढ़ते कर्ज के चलते डूब रहे यस बैंक को खड़ा करने वाले राणा कपूर बीते कुछ महीनों से लगातार सुर्खियों में है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने यस बैंक से पैसे निकालने की सीमा एक महीने में 50 हजार कर दी है, येस बैंक के ग्राहक इससे ज्यादा रकम अपने खाते से नहीं निकाल पाएंगे। शेयर बाजार में यह बैंक की हालत बद से बदतर होती जा रही है। बुरे दौर से गुजर रहे इस बैंक की हालात के लिए बैंक के फाउंडर राणा कपूर को माना जा रहा है। राणा कपूर यस बैंक के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ भी रह चुके हैं। राणा की किन गलतियों की वजह से यस बैंक को आज ये दिन देखना पड़ रहा है? आइये आपको बताते हैं राणा कपूर और यस बैंक के बारे में सबकुछ...
सफलतम बैंकर्स की लिस्ट में शामिल थे राणा कपूर
राणा कपूर का जन्म 9 सितंबर, 1957 को दिल्ली में हुआ था। कम समय में राणा देश के सफलतम बैंकर्स की लिस्ट में शुमार हो गए थे। पढ़ाई के दौरान उन्हें ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (AIMA) की तरफ से मानद फेलोशिप, रटगर्स यूनिवर्सिटी न्यू जर्सी से प्रेसिडेंट मेडल और जीबी पंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर से मानद फेलोशिप मिल चुकी है। उनकी फैमिली में पत्नी बिंदू कपूर और तीन बेटियां राधा, राखी और रोशनी हैं। बैंकिंग में एमबीए करने के बाद उन्होंने 1980 में बैंक ऑफ अमेरिका से बैंकिंग सेक्टर में करियर की शुरुआत की थी। बतौर मैनेजमेंट ट्रेनी उन्होंने बैंक ऑफ अमेरिका में काम शुरू किया। 1990 में उन्हें चेयरमैन द्वारा ईगल पिन प्रेजेंट किया गया। वे 16 साल तक बैंक ऑफ अमेरिका के साथ जुड़े रहे। 1996 में उन्होंने ANZ ग्रिंडलेज इनवेस्टमेंट बैंक (ANZIB) के जनरल मैनेजर एंड कंट्री हेड के तौर पर काम शुरू किया। 2004 में राणा कपूर ने अपने रिश्तेदार अशोक कपूर के साथ मिलकर यस बैंक की नींव रखी।
मुंबई हमले के बाद शुरू हुई मालिकाना हक को लेकर तकरार
26/11 के मुंबई हमले में अशोक कपूर की मौत हो गई। अशोक की मौत के बाद उनकी पत्नी मधु और राणा के बीच बैंक के मालिकाना हक को लेकर लड़ाई शुरू हो गई। मधु अपनी बेटी के लिए बैंक बोर्ड में जगह चाहती थीं। ये आपसी पारिवारिक कलह बैंक को ले डूबी। हर कोई अपने-अपनों का हक लेने के लिए पैंतरे चलता रहा और बैंक घाटे में जाता रहा। अब ये वक्त आ गया जब बैंक दिवालिया हो चुका है। पारिवारिक कलह और शेयर्स को बेचने के बाद येस बैंक का कपूर परिवार संकटों से घिर गया। इसके बाद येस बैंक के को-फाउंडर राणा कपूर को पद से हटाते हुए रिजर्व बैंक ने कहा कि वह बैलेंस शीट की सही जानकारी नहीं दे रहे थे। इसके साथ ही आरबीआई ने येस बैंक पर 1 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाते हुए ये आरोप लगाया कि बैंक मैसेजिंग सॉफ्टवेयर स्विफ्ट के नियमों का पालन नहीं कर रहा। बता दें, इस मैसेजिंग सॉफ्टवेयर 'स्विफ्ट' का इस्तेमाल बैंक लेनदेन के लिए करते हैं। ये येस बैंक के दिवालिया होने का एक सबसे बड़ा कारण बना है। बैंक ने लेनदेन की नीतियों के अलग जाकर काम किया। बैंक ने उन कॉर्पोरेट ग्राहकों को लोन दिया जो घाटे में थे। जब कंपनियां दिवालिया होने लगी तब बैंक का पैसा डूब गया और नतीजन येस बैंक कंगाल हो गया।
कर्ज देकर कर्ज में डूबा यस बैंक
राणा कपूर ने लोन देने और उसे वसूल करने की प्रक्रिया अपने हिसाब से तय की। उन्होंने अपने निजी संबंधों के आधार पर लोगों को लोन दिए। बैंक अनिल अंबानी ग्रुप, आईएलएंडएफएस, सीजी पावर, एस्सार पावर, रेडियस डिवेलपर्स और मंत्री ग्रुप जैसे कारोबारी घरानों को लोन देने में आगे रहा। इन कारोबारी समूहों के डिफॉल्टर साबित होने से बैंक को करारा झटका लगा। 2017 में बैंक ने 6,355 करोड़ रुपए की रकम को बैड लोन में डाल दिया था। जिसके बाद आरबीआई ने बैंक पर लगाम कसना शुरू कर दिया।