येदियुरप्पा ने विधान परिषद में हंगामे को "कांग्रेस की संस्कृति" करार दिया, सभापति के मांगा इस्तीफा
By भाषा | Updated: December 15, 2020 20:25 IST2020-12-15T20:25:28+5:302020-12-15T20:25:28+5:30

येदियुरप्पा ने विधान परिषद में हंगामे को "कांग्रेस की संस्कृति" करार दिया, सभापति के मांगा इस्तीफा
बेंगलुरु, 15 दिसंबर कर्नाटक विधान परिषद में हंगामे को ‘कांग्रेस की संस्कृति’ करार देते हुए मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने मंगलवार को उच्च सदन के सभापति से तत्काल इस्तीफा देने की मांग की, जो अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रहे हैं।
इस बीच, सत्तारूढ़ भाजपा और जद (एस) ने संयुक्त रूप से सदन के सभापति के. प्रतापचंद्र शेट्टी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर कार्यवाही करने के लिए राज्यपाल के हस्तक्षेप की मांग की। शेट्टी पिछली कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार के दौरान इस पद के लिए चुने गए थे।
येदियुरप्पा ने कहा, “जद(एस) ने खुले तौर पर कहा है कि वे सभापति का समर्थन नहीं करेंगे। यह जानने के बाद कि उन्हें बहुमत का समर्थन प्राप्त नहीं है, कांग्रेस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अध्यक्ष इस्तीफा दे दें।”
इससे पहले दिन में, सदन में काफी हंगामा हुआ। भाजपा-जदएस और कांग्रेस के सदस्यों ने गाली-गलौज की और एक-दूसरे को धक्का दिया।
उपसभापति एस एल धर्मे गौड़ा को सभापति आसन से नीचे उतार दिया गया। जद (एस) की मदद से भाजपा पिछले सप्ताह लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सभापति को हटाना चाहती है।
हालांकि, शेट्टी पहले ही प्रक्रियागत खामियों और स्पष्ट आरोपों की कमी का हवाला देते हुए अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को खारिज कर चुके हैं।
सभापति ने सदन को हंगामे के बीच अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।
यहां पत्रकारों से बात करते हुए, येदियुरप्पा ने कहा कि कानून विशेषज्ञों के अनुसार, एक बार जब सदन में अविश्वास प्रस्ताव को पेश कर दिया जाता है, तो वह सभापति के आसन पर बैठने के पात्र नहीं रह जाते हैं और इस संबंध में न्यायालय के आदेश भी हैं।
उन्होंने कहा, “कल हम लोगों ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि उपसभापति को कार्यवाही का संचालन करना चाहिए क्योंकि अविश्वास प्रस्ताव खुद सभापति के खिलाफ है.... उनके (सभापति) और कांग्रेस पार्टी के पास बहुमत का समर्थन भी नहीं है।’’
उपसभापति को आसन से हटाने के कृत्य की निंदा करते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि यह कांग्रेस की संस्कृति को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा और जद(एस) ने संयुक्त रूप से इस मामले में राज्यपाल से हस्तक्षेप का अनुरोध किया है।
भाजपा और जद (एस) नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल में उपमुख्यमंत्री गोविंद करजोल और लक्ष्मण सावदी, गृह मंत्री बसवराज बोम्मई और कानून मंत्री जे सी मधुस्वामी शामिल थे।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल जद (एस) के नेता बसवराज होराति ने कहा कि वे इस मुद्दे पर पूरी तरह से सत्तारूढ़ पार्टी के साथ हैं।
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