उम्रकैद की सजा काट रहे यासीन मलिक की तिहाड़ जेल में हुई तबियत खराब, दिल्ली के अस्पताल में कराया गया भर्ती
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 27, 2022 04:07 PM2022-07-27T16:07:23+5:302022-07-27T16:14:29+5:30
कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को रक्तचाप की शिकायत होने के बाद तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया है।
दिल्ली: टेरर फंडिग के कसूरवार और कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक देश की सबसे सुरक्षित तिहाड़ जेल से निकालकर दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराये गये हैं। जानकारी के मुताबिक यासीन मलिकतिहाड़ जेल में बीते कई दिनों से भूख हड़ताल कर रहे थे। इस कारण उनका स्वास्थ्य खराब हो गया और जेल के चिकित्सकों के कहने पर जेल प्रशासन ने उन्हें मंगलवार को दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया है।
इस संबंध में जेल अधिकारियों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट चलाने वाले कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को बीते दो-तीन दिनों से रक्तचाप की शिकायत थी। जिसके बाद उन्हें दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों की सलाह पर उन्हें भर्ती करा दिया गया है।
बताया जा रहा है कि मंगलवार को यासीन मलिक ने जेल रक्षकों से चक्कर आने और उल्टी आने की बात कही, जिसके बाद जेल रक्षकों ने फौरन इस बात की जानकारी जेल अधीक्षक कार्यलय को दी। जहां से जेल चिकित्सकों को सूचित किया गया।
जेल प्रशासन के आदेश पर मलिक के बैरक में पहुंचे चिकित्सकों ने उनकी जांच की और बताया कि उनके रक्तचाप में उतार-चढ़ाव आ रहा है। जेल चिकित्सकों ने मलिक को फौरन अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी। जिस पर अमल करके हुए जेल प्रशासन ने यासिन मलिक को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया।
जानकारी के अनुसार यासीन मलिका बीते शुक्रवार से जेल में अनशन और भूख हड़ताल कर रहे थे। मलिक यह विरोध केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण केस में अदालत में पेश की इजजात न देने से खफा थे। मलिक का आरोप है कि वो इस मामले में खुद कोर्ट में पेश होकर अपना बचाव करना चाहते हैं लेकिन सरकार उन्हें इस बात की इजाजत नहीं दे रही है।
इसके साथ ही यासीन मलिक ने यह आरोप भी लगाया कि रुबैया केस में उनके खिलाफ पक्षपात हो सकता है और उन्हें फेयर ट्रायल होने पर भी आशंका व्यक्त की थी। इस कारण वो विरोध के तौर पर भूख हड़ताल और अनशन कर रहे थे।
मालूम हो कि टेटर फंडिंग के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे यासीन मलिक को दिल्ली की तिहाड़ जेल में उच्च जोखिम वाली कोठरी में अकेले रखा गया है। भूख हड़ताल के बाद जेल प्रशासन मलिक को जेल के चिकित्सा जांच कक्ष में लेजार आईवी फ्ल्यूड के जरिये भोजन देने की कोशिश कर रहा था, लेकिन उसके बाद भी उनकी तबियत खराब हो गई।