कश्मीरी पंडितों को लेकर यशवंत सिन्हा का केंद्र पर कटाक्ष, कहा- सरकार द्वारा किए गए वादे के विपरीत उन्हें कश्मीर छोड़ने के लिए किया जा रहा मजबूर
By मनाली रस्तोगी | Published: July 12, 2022 12:38 PM2022-07-12T12:38:40+5:302022-07-12T12:40:40+5:30
आगामी राष्ट्रपति चुनाव से पहले संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने ट्वीट करते हुए लिखा, "केंद्र सरकार द्वारा किए गए वादे के विपरीत कश्मीरी पंडितों को वहां की अशांत परिस्थितियों के कारण कश्मीर छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। केंद्र सरकार को कश्मीरी पंडितों की सुरक्षित और सम्मानजनक वापसी और पुनर्वास सुनिश्चित करना चाहिए।"
नई दिल्ली: आगामी राष्ट्रपति चुनाव से पहले संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने मंगलवार को कश्मीरी पंडितों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर कटाक्ष किया। उन्होंने ट्वीट करते हुए कश्मीरी पंडितों की कश्मीर में स्थिति के बारे में बात की और बताया कि कैसे उन्हें कश्मीर छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
ऐसे में उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, "केंद्र सरकार द्वारा किए गए वादे के विपरीत कश्मीरी पंडितों को वहां की अशांत परिस्थितियों के कारण कश्मीर छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। केंद्र सरकार को कश्मीरी पंडितों की सुरक्षित और सम्मानजनक वापसी और पुनर्वास सुनिश्चित करना चाहिए।" इसके साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए एक पत्र भी लिखा।
Contrary to the promise made by the Central Govt, Kashmiri Pandits are being forced to leave Kashmir due to the disturbed conditions there.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) July 12, 2022
The Central Govt must ensure safe and dignified return & resettlement of Kashmiri Pandits. pic.twitter.com/BSTj04WrdE
ट्वीट करते हुए यशवंत सिन्हा ने एक तस्वीर साझा की जिसमें लिखा है, "केंद्र सरकार कश्मीरी पंडितों की सुरक्षित और सम्मानजनक वापसी और पुनर्वास के लिए स्थितियां बनाने के अपने वादे में विफल रही है। इसे न केवल कश्मीरी पंडितों के लिए बल्कि उन अन्य लोगों के लिए भी अपना वादा पूरा करना चाहिए, जिन्हें यहां की अशांत परिस्थितियों के कारण कश्मीर से बाहर निकलने के लिए मजबूर किया गया था।" क्या भाजपा के उम्मीदवार भी इसकी पुष्टि करेंगे?
बता दें कि भारत का राष्ट्रपति देश का सर्वोच्च संवैधानिक कार्यालय है, लेकिन लगातार राष्ट्रपति पर उस समय की सरकार का 'पक्षपात' करने का आरोप लगाया गया है। इसी क्रम में जब से यशवंत सिन्हा की उम्मीदवारी की घोषणा की गई है तब उन्होंने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि राष्ट्रपति के रूप में वह मोदी सरकार के 'अधिनायकवाद' और संविधान पर 'हमले' का विरोध करेंगे और वह राष्ट्रपति भवन में 'रबर स्टैंप' नहीं बनेंगे।
ऐसा इसलिए है क्योंकि वह केंद्र सरकार द्वारा 'नामित' है और इसलिए भी कि कार्यपालिका के रूप में यह सत्तारूढ़ व्यवस्था है जो वास्तविक अधिकार का प्रयोग करती है। मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पर भी अक्सर मोदी सरकार की 'कठपुतली' होने का आरोप लगाया जाता रहा है। इस मामले में द्रौपदी मुर्मू पर भी पहले से ही इस मुद्दे को लेकर ताना मारा जा रहा है। मालूम हो, राष्ट्रपति चुनाव 18 जुलाई को होना है।