दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत ने मंगलवार (20 नवंबर ) को 1984 के सिख विरोधी दंगों में दोषी यशपाल को फांसी की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दूसरे कैदी नरेश सेहरावत को उम्रकैद की सजा सुनाई है। सुरक्षा के तहत तिहाड़ जेल में ही सजा सुनाई गई।
इससे पहले बुधवार (14 नवंबर) को दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को 1984 के सिख विरोधी दंगों में दो व्यक्तियों को दो लोगों की हत्या का दोषी ठहराया था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय पांडे ने नरेश सेहरावत और यशपाल सिंह को दंगों के दौरान दक्षिण दिल्ली के महिपालपुर में हरदेव सिंह और अवतार सिंह की हत्या का दोषी ठहराया था।
यह मामला हरदेव सिंह के भाई संतोख सिंह ने दर्ज कराया था। दिल्ली पुलिस ने साक्ष्यों के अभाव में 1994 में यह मामला बंद कर दिया था लेकिन दंगों की जांच के लिए गठित एसआईटी ने मामले को दोबारा खोला।
अदालत ने दोनों आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की अनेक धाराओं के तहत दोषी ठहराया। फैसला सुनाए जाने के तत्काल बाद दोनों को हिरासत में ले लिया गया।
बता दें कि यह मामला हरदेव सिंह के भाई संतोख सिंह ने दर्ज कराया था। दिल्ली पुलिस ने साक्ष्यों के अभाव में 1994 में यह मामला बंद कर दिया था लेकिन दंगों की जांच के लिए गठित एसआईटी ने मामले को दोबारा खोला।अदालत ने दोनों आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की अनेक धाराओं के तहत दोषी ठहराया। फैसला सुनाए जाने के तत्काल बाद दोनों को हिरासत में ले लिया गया।