नयी दिल्ली, नौ नवंबर दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्री राजेंद्रपाल गौतम ने मंगलवार को कहा कि सरकार की ‘‘सूर्योदय योजना’’ को लागू करने के मद्देनजर नशे की समस्या से निपटने के लिये विभिन्न पक्षों को एक साथ काम करने की जरूरत है।
मंत्री ने राष्ट्रीय राजधानी में विशेष रूप से युवाओं के बीच पुनर्वास के माध्यम से नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए विकसित की गई योजना की प्रगति और कार्यान्वयन के संबंध में विभाग के अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
एक बयान के अनुसार, मंत्री की मुख्य चिंता योजना के प्रभावी तरीके से शुरू करने और कार्यान्वयन को लेकर थी। इसमें कहा गया है कि मंत्री ने मादक द्रव्यों के सेवन के शिकार लोगों और उनके परिवारों के सफलतापूर्वक पुनर्वास की जरूरत पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘इस देश के युवा नशे के सेवन के शिकार हो गए हैं। 10 और 11 वर्ष की आयु के बच्चे नशे के शिकार हो गये हैं । यह माता-पिता, स्कूलों से लेकर प्रवर्तन एजेंसियों तक बड़े पैमाने पर समाज की विफलता है। हम एक नशा मुक्त बचपन के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करेंगे ।’’
मंत्री ने यह भी कहा कि नशीली दवाओं के दुरुपयोग के पीड़ितों के पुनर्वास के लिए सभी एजेंसियों द्वारा सर्वोत्तम कार्यक्रमों की प्रभावी निगरानी, मूल्यांकन और कार्यान्वयन करना महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा, सामाजिक न्याय, पुलिस और कानून प्रवर्तन सहायता और बाल अधिकार आयोग जैसे विभिन्न विभागों के सभी हितधारकों को एक साथ समन्वय में काम करने की आवश्यकता है।
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