वर्क फ्रॉम होम का असरः घरेलू हिंसा, रिश्तों में तनाव की शिकायत तेज, काउंसलर के पास पहुंच रहे पुरुष

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 12, 2021 05:44 PM2021-06-12T17:44:42+5:302021-06-12T17:46:09+5:30

पुणे पुलिस के भरोसा प्रकोष्ठ के अधिकारी और परामर्शकों ने कहा कि पिछले साल सितंबर से पुरुष अधिक शिकायतें लेकर आ रहे हैं।

work from home Effect Complaints domestic violence tension in relationships men reaching counselors | वर्क फ्रॉम होम का असरः घरेलू हिंसा, रिश्तों में तनाव की शिकायत तेज, काउंसलर के पास पहुंच रहे पुरुष

2021 में अप्रैल तक हमें महिलाओं से 729 और पुरुषों से 266 शिकायतें मिली। (file photo)

Highlightsपाबंदियों के कारण बड़ी संख्या में पेशेवर घर से काम कर रहे हैं।प्रकोष्ठ की सहायक पुलिस इंस्पेक्टर सुजाता शानमे ने कहा कि उन्हें 2020 में कुल 2,074 शिकायतें मिली। 1,283 शिकायतें महिलाओं ने की जबकि 791 शिकायतें पुरुषों ने की।

पुणेः कोरोना वायरस के कारण पिछले साल लागू हुए देशव्यापी लॉकडाउन के चलते घरेलू हिंसा, परिवार के सदस्यों द्वारा गाली गलौच , मनोवैज्ञानिक विकार, भावनात्मक आवेग की महिलाओं की शिकायतें और अन्य समस्याएं बढ़ गयी हैं।

 

हालांकि परामर्शकों का कहना है कि वे पिछले कुछ महीनों से ऐसी प्रवृत्ति देख रहे हैं जिसमें पुरुष पत्नी के साथ संबंधों में तनाव और काम से संबंधित तनाव जैसी कई दिक्कतों की शिकायतें कर रहे हैं क्योंकि महामारी की दूसरी लहर के दौरान पाबंदियों के कारण बड़ी संख्या में पेशेवर घर से काम कर रहे हैं। परेशानी में फंसी महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों की मदद करने के लिए बनाए गए पुणे पुलिस के भरोसा प्रकोष्ठ के अधिकारी और परामर्शकों ने कहा कि पिछले साल सितंबर से पुरुष अधिक शिकायतें लेकर आ रहे हैं।

प्रकोष्ठ की सहायक पुलिस इंस्पेक्टर सुजाता शानमे ने कहा कि उन्हें 2020 में कुल 2,074 शिकायतें मिली। उन्होंने कहा, ‘‘इनमें से 1,283 शिकायतें महिलाओं ने की जबकि 791 शिकायतें पुरुषों ने की। 2021 में अप्रैल तक हमें महिलाओं से 729 और पुरुषों से 266 शिकायतें मिली।’’ प्रकोष्ठ के परामर्शकों में से एक वकील प्राथना सदावर्ते ने कहा कि पिछले साल के लॉकडाउन के दौरान उन्हें महिलाओं की घरेलू हिंसा, गाली गलौज, भावनात्मक आवेग, मनोवैज्ञानिक विकार और पतियों तथा ससुराल वालों के उन्हें हलके में लेने की प्रवृत्ति की और शिकायतें मिलनी शुरू हो गयी।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अनलॉक के बाद (सितंबर से) पुरुषों से भी मिलने वाली शिकायतें बढ़ी और ये ज्यादातर काम से संबंधित तनाव और घर से काम करने के कारण कामकाजी घंटे बढ़ाए जाने के बारे में होती है।’’ उन्होंने कहा कि अगर पति और पत्नी दोनों काम कर रहे हैं तो वे आम तौर पर एक-दूसरे की नौकरी की जिम्मेदारियों को समझते हैं।

हालांकि अगर कोई एक काम नहीं कर रहा तो उन्हें पेशेवर जिंदगी में आने वाली दूसरे की दिक्कतों का पूरा अंदाजा नहीं मिल पाता। एक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘एक पुरुष पेशेवर हमारे पास आया था कि वह पिछले लॉकडाउन से घर से काम कर रहा है।

उसने शिकायत की कि चूंकि वह घर पर होता है तो उसकी पत्नी घर के कामकाज में भी उससे मदद करने की उम्मीद करती है जिसके चलते उनके बीच झगड़े शुरू हो गए।’’ सदावर्ते ने कहा कि उन्हें परामर्श देते हुए हमें अहसास हुआ कि दोनों ने एक-दूसरे से उचित संवाद नही किया जिसकी जरूरत थी।

उन्होंने कहा कि ऐसी अवधारणा है कि ऐसे प्रकोष्ठ और हेल्पलाइन आम तौर पर महिलाओं पर केंद्रित होते हैं लेकिन लॉकडाउन ने इसे बदल दिया और पुरुषों को भी एक मंच मिल गया है जहां वे अपनी भावनाएं साझा कर सकते हैं। 

Web Title: work from home Effect Complaints domestic violence tension in relationships men reaching counselors

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे