नई दिल्ली, 12 अक्टूबरःसुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सबरीमाला मंदिर के कपाट महिलाओं के लिए भले ही खुल गए हों लेकिन कई लोगों को अभी भी यह गंवारा नहीं है। एक्टर कोल्लम तुलसी ने शुक्रवार को बेहद आपत्तिजनक बयान दिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दरकिनार करते हुए तुलसी ने कहा, 'जो महिलाएं सबरीमाला मंदिर आ रही हैं उनके दो टुकड़े कर देने चाहिए। आधा हिस्सा दिल्ली भेजना चाहिए और आधा तिरुवनंतपुरम में मुख्यमंत्री कार्यालय में भेज देना चाहिए।'
इससे पहले पंदलम शाही परिवार के सदस्य शशिकुमार वर्मा ने भी सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के फैसला का विरोध किया था। उन्होंने कहा कि हमारी परंपराएं सुप्रीम कोर्ट के आदेश से नहीं तोड़ी जा सकती। हमने एक महीने पहले ही देखा कि अयप्पन को उकसाने का परिणाम क्या होता है।
केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का रास्ता सुप्रीम कोर्ट (एससी) ने खोल दिया था, जिसके बाद से विभिन्न हिंदू संगठन नाराज हैं और अब वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में सड़कों पर उतरने लगे हैं। उन्होंने सूबे के तमाम शहरों में फैसले का विरोध किया है। बता दें, इससे पहले भगवान अयप्पा के ब्रह्मचारी होने का कारण बताकर महिलाओं का मंदिर में प्रवेश वर्जित था।
28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया था, जिसमें चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दी थी। इसमें चार लोगों ने बहुमत से फैसला सुनाया था, जबकि इंदु मल्होत्रा की राय अलग थी।
कोर्ट के फैसले से पहले सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 वर्ष की महिलाओं के प्रवेश पर रोक थी। सबरीमाला मंदिर की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया था कि 10 वर्ष से लेकर 50 वर्ष तक की महिलाएं मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकती हैं। जिन महिलाओं की उम्र 50 से अधिक है वह दर्शन के लिए आते वक्त अपने साथ आयु प्रमाण पत्र लेकर आएं।