‘नन्द के आनंद भए, जय कन्हैया लाल की’ के उद्घोष के साथ कृष्ण जन्म के समय झूम उठे श्रद्धालु

By भाषा | Published: August 25, 2019 06:43 AM2019-08-25T06:43:33+5:302019-08-25T06:43:33+5:30

जन्मभूमि के साथ ही मथुरा के ठा. द्वारिकाधीश, वृन्दावन में चार-पांच सौ वर्ष पूर्व निर्मित किए गए सप्तदेवालयों, ठा. बांकेबिहारी मंदिर, इस्कॉन मंदिर, प्रेम मंदिर, प्रियाकांतजू मंदिर, गोकुल, महावन, नन्दगांव, बरसाना, गोवर्धन, राधाकुण्ड आदि तीर्थस्थलों पर भी भक्तों का तांता लगा रहा।

With the announcement of 'Nand ke Anand bhai, Jai Kanhaiya Lal ki', the devotees rose at the time of Krishna's birth | ‘नन्द के आनंद भए, जय कन्हैया लाल की’ के उद्घोष के साथ कृष्ण जन्म के समय झूम उठे श्रद्धालु

‘नन्द के आनंद भए, जय कन्हैया लाल की’ के उद्घोष के साथ कृष्ण जन्म के समय झूम उठे श्रद्धालु

देशभर में शनिवार को जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया और भगवान कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में यह आयोजन हर साल की तरह भव्य रहा। ब्रज के साढे़ पांच हजार से अधिक मंदिरों एवं ब्रजवाासियों के घरों में भगवान का प्राकट्य मध्यरात्रि में हुआ। रात्रि के ठीक बारह बजते ही श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर परिसर के भागवत भवन स्थित राधाकृष्ण मंदिर सहित सभी मंदिरों, लीलामंच, सम्पूर्ण प्रांगण, शहर के सभी प्रमुख बाजारों व श्रद्धालुओं के घरों से घण्टे-घड़ियालों व शंखनाद गुंजायमान हो उठे।

कई मिनट तक हर तरफ से जयकारों के स्वर सुनाई देते रहे। इस बार श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान की ओर से विशेष रूप से यह अनुरोध किया गया था कि इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्मोत्सव ‘समृद्ध भारत-सशक्त भारत-अखण्ड भारत’ के संकल्प के साथ मनाया जाए।

ठाकुरजी के जन्म महाभिषेक का मुख्य अलौकिक कार्यक्रम भागवत भवन में रात्रि 11 बजे श्रीगणेश एवं नवग्रह पूजन से शुरू हुआ तथा 11.55 बजे पुष्प सहस्रार्चन शुरू हुआ जो ठीक 12 बजे भगवान के प्राकट्य के साथ समाप्त हुआ। इस बीच ढोल-नगाड़े, झांझ-मंजीरे, मृदंग की थाप के साथ भक्त नाच उठे। दस मिनट तक जन्म की आरती के पश्चात 12:15 से 12:30 बजे तक ठाकुरजी के श्रीविग्रह का दूध, दही, घी, बूरा, शहद आदि पंच सामग्रियों से दिव्य महाभिषेक किया गया।

इस मौके पर दो सौ फुट की ऊॅंचाई पर बने भागवत भवन के राधाकृष्ण मंदिर को ‘पुष्प तेजोमहल’ फूल बंगले के रूप में सजाया गया था। जिसमें ठाकुरजी चंद्रमा की आभा सी नयनों को शीतलता पहुंचाने वाली ‘मृगांक कौमुदी’ पोषाक में दर्शन दे रहे थे। जिनकी एक झलक पाने के लिए मध्य रात्रि पश्चात भी श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी हुई थीं। जन्माभिषेक के उपरान्त सवा सौ मन सामग्री से बने महाप्रसाद एवं पंचामृत का वितरण जन्मभूमि के निकास द्वार के दोनों ओर वृहद मात्रा में किया गया।

समाचार लिखे जाने तक भक्तजन अपने प्रिय आराध्य की एक झलक पाने के लिए आतुर थे। मंदिर में टूटती भीड़ को संभालने के लिए पुलिस व मंदिर के स्वयंसेवकों को खासी मशक्कत करनी पड़ रही थी। मंदिर अधिकारियों की ओर से जानकारी मिली है वैसे तो ठाकुर जी के जन्म के दर्शन रात्रि डेढ़ बजे तक जारी रहेंगे। किंतु यदि उस समय तक मंदिर परिसर में प्रवेश पाने वाले सभी श्रद्धालु दर्शन न कर पाए तो उसके बाद भी शेष बचे सभी दर्शनार्थियों को दर्शन कराए जाने तक मंदिर के कपाट बंद नहीं होंगे।

लाखों भक्तों के आगमन के पूर्वानुमान के साथ इस पर्व पर जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के लिए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। शहर के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे तथा शहर भर में साफ-सफाई के लिए 24 घण्टों विशेष अभियान चलाया गया। इस अवसर पर जहां मंदिरों एवं सार्वजनिक इमारतों को बहुत ही खूबसूरत तरीके से सजाया गया था वहीं ब्रजवासियों ने अपने-अपने घर के मंदिरों में भी लाला के जन्म का उल्लास मनाने के लिए बहुत ही सुंदर सजावट की थी।

जन्मभूमि के साथ ही मथुरा के ठा. द्वारिकाधीश, वृन्दावन में चार-पांच सौ वर्ष पूर्व निर्मित किए गए सप्तदेवालयों, ठा. बांकेबिहारी मंदिर, इस्कॉन मंदिर, प्रेम मंदिर, प्रियाकांतजू मंदिर, गोकुल, महावन, नन्दगांव, बरसाना, गोवर्धन, राधाकुण्ड आदि तीर्थस्थलों पर भी भक्तों का तांता लगा रहा।

रेल, बस, निजी वाहनों से बाहर से आए लाखों श्रद्धालुओं की सेवा के लिए स्थानीय लोगों ने सैकड़ों स्थानों पर भोग-प्रसाद, चाय-पानी आदि की छबीलें लगाई हुई थीं। मंदिरों में जाने के लिए जगह-जगह जूताघर, खोआ-पाया केंद्र आदि सुविधा के लिए बनाए गए थे। 

Web Title: With the announcement of 'Nand ke Anand bhai, Jai Kanhaiya Lal ki', the devotees rose at the time of Krishna's birth

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे