अभिनंदन वर्धमान और मिंटी अग्रवाल की यूनिट को मिलेगा खास अवार्ड, इन ऑपरेशन में दिखाया था अदम्य साहस
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 6, 2019 10:22 AM2019-10-06T10:22:01+5:302019-10-06T10:22:01+5:30
14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर 12 मिराज-2000 लड़ाकू विमानों से हमला किया था।
विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान की यूनिट 51 स्क्वॉड्रन को भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शन आरकेएस भदौरिया सम्मानित करेंगे। यह अवार्ड 27 फरवरी को पाकिस्तान के एफ-16 विमान को मार गिराने के लिए मिल रहा है। यूनिट के कमांडिग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन सतीश पवार इस अवार्ड को ग्रहण करेंगे।
इसके अलावा बालाकोट एयर स्ट्राइक को अंजाम देने वाली स्क्वॉड्रन यूनिट 9 को भी अवार्ड दिया जाएगा। स्क्वाड्रन लीडर मिंटी अग्रवाल की यूनिट 601 सिग्नल यूनिट को भी सम्मानित किया जाएगा। इस यूनिट ने बालाकोट एयर स्ट्राइक और 27 फरवरी के पाकिस्तानी हमले को नाकाम करने में अहम भूमिका निभाई थी।
14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर 12 मिराज-2000 लड़ाकू विमानों से हमला किया था। इस हमले में जैश के कई आतंकी मारे गए थे। भारत के बालाकोट हमले के बाद पाकिस्तान अपना एयरस्पेस बंद कर लिया था। 14 फरवरी को पुलवामा हमले में भारत के तकरीबन 45 जवान शहीद हो गये थे।
The number 9 squadron whose Mirage 2000 fighter aircraft carried out the Balakot aerial strikes on February 26 during 'Operation Bandar', also to be awarded unit citation. https://t.co/8yL6uWaWa9
— ANI (@ANI) October 6, 2019
अभिनंदन वर्धमान ने रचा था इतिहास
अभिनंदन वर्धमान ने 27 फरवरी को एलओसी के ऊपर एक डॉग फाइट में पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया था। कम क्षमता वाले मिग-21 से ऐसा कारनामा करके उन्होंने इतिहास रच दिया था।
संघर्ष के दौरान अभिनंदन ने पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिरा कर अदम्य साहस एवं दृढ़ता का परिचय दिया था। विंग कमांडर अभिनंद के फाइटर जेट पर एक मिसाइल आकर टकराया और उन्होंने खुद को इजेक्ट कर लिया। वो पाकिस्तान की सीमा में जा गिरे थे और पाकिस्तानी सेना ने उन्हें पकड़ लिया था।
वर्धमान दोनों देशों के बीच के सैन्य मुकाबले का चेहरा बन गए थे। लेकिन दबाव बढ़ने के बाद पाकिस्तान ने 1 मार्च को उन्हें रिहा कर भारत को सौंप दिया। उन्होंने करीब 60 घंटे तक पाकिस्तान के कब्जे में रहना पड़ा।