परिसीमन आयोग के सुझावों पर 10 दिन में दस्तावेजी साक्ष्य सहित आपत्ति पेश करेंगे: नेशनल कॉन्फ्रेंस
By भाषा | Updated: December 21, 2021 19:20 IST2021-12-21T19:20:10+5:302021-12-21T19:20:10+5:30

परिसीमन आयोग के सुझावों पर 10 दिन में दस्तावेजी साक्ष्य सहित आपत्ति पेश करेंगे: नेशनल कॉन्फ्रेंस
जम्मू, 21 दिसंबर गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) ने जम्मू कश्मीर पर परिसीमन आयोग की मसौदा रिपोर्ट को मंगलवार को “विभाजनकारी और अस्वीकार्य” करार दिया। इसके अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता हसनैन मसूदी ने कहा कि आयोग के सुझावों पर पार्टी अगले 10 दिन में दस्तावेज और साक्ष्यों के साथ अपनी आपत्ति दर्ज कराएगी। गठबंधन की बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए पीएजीडी के मुख्य प्रवक्ता एम वाई तारिगामी ने कहा कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी जम्मू कश्मीर को घृणा के सिवा और कुछ नहीं दे सकती और वह समुदायों के बीच “दरार पैदा कर रही” है।
केंद्र शासित प्रदेश की विधानसभा सीटों के सीमांकन के लिए गठित परिसीमन आयोग ने अपने ‘पेपर-1’ में जम्मू क्षेत्र के वास्ते छह अतिरिक्त सीट और कश्मीर के वास्ते एक अतिरिक्त सीट का प्रस्ताव दिया है। आयोग ने इस पर नयी दिल्ली में अपने पांच सदस्यों- नेशनल कॉन्फ्रेंस के तीन सांसद और भारतीय जनता पार्टी के दो सांसदों के साथ सोमवार को चर्चा की थी।
नेकां के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और पार्टी के अन्य नेताओं हसनैन मसूदी तथा अकबर लोन बैठक में शामिल हुए। बैठक के कुछ घंटों बाद ही नेकां ने कहा कि वह इस रिपोर्ट पर हस्ताक्षर नहीं करेगी। पीएजीडी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला तथा पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की उपस्थिति में तारिगामी ने मीडिया से कहा कि गठबंधन के नेताओं की राय है कि परिसीमन आयोग के सुझाव “विभाजनकारी तथा अस्वीकार्य” हैं।
जम्मू में सीटों की संख्या बढ़ाने पर आपत्ति पर उठाये गए सवाल के जवाब में तारिगामी ने कहा, “जम्मू हमारा है और हम उसका भी प्रतिनिधित्व करने के लिए यहां हैं।” उन्होंने कहा, “(परिसीमन की प्रक्रिया के लिए) कुछ मानदंड होने चाहिए। जनगणना 2011 में हुई थी और उसे आधार बनाया गया है।” वर्तमान में कश्मीर संभाग में 46 और जम्मू में 37 सीटें हैं।
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, जम्मू क्षेत्र की जनसंख्या 53.72 लाख और कश्मीर की जनसंख्या 68.83 लाख है। नेकां नेता मसूदी ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि आयोग के सुझावों पर पार्टी, दस्तावेजी साक्ष्य सहित अपनी आपत्ति अगले 10 दिन में दर्ज कराएगी।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।