उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए सिर्फ छोटे दलों के साथ गठबंधन करेंगे : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष

By भाषा | Published: September 5, 2021 03:24 PM2021-09-05T15:24:03+5:302021-09-05T15:24:03+5:30

Will make alliance with only small parties for Uttar Pradesh assembly elections: State Congress President | उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए सिर्फ छोटे दलों के साथ गठबंधन करेंगे : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए सिर्फ छोटे दलों के साथ गठबंधन करेंगे : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन से वस्तुत: इनकार करते हुए कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी केवल छोटे दलों के साथ गठबंधन करेगी और चुनावों के लिए किसी बड़े दल से हाथ मिलाने के बारे में “विचार भी नहीं करेगी।” उन्होंने कहा कि पिछले 32 वर्षों में उत्तर प्रदेश पर शासन करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), बसपा और सपा की सरकारें लोगों के भरोसे पर खरा उतरने में नाकाम रहीं और कांग्रेस राज्य में वापसी करने के लिए तैयार है। पीटीआई-भाषा के साथ साक्षात्कार में, लल्लू ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लोगों की नजरों में, अगले वर्ष होने वाले चुनावों में भाजपा को चुनौती देने वाली मुख्य पार्टी कांग्रेस ही है और भरोसा जताया कि पार्टी प्रियंका गांधी वाद्रा के नेतृत्व में चुनाव जीतेगी और अगली सरकार का गठन करेगी। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी प्रियंका गांधी की “देखरेख” में चुनाव लड़ेगी, क्योंकि वह राज्य की प्रभारी महासचिव हैं और मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा, इस मुद्दे पर फैसला राष्ट्रीय नेतृत्व करेगा। उत्तर प्रदेश चुनावों के लिए गठबंधनों पर कांग्रेस के रुख के बारे में पूछे जाने और सपा एवं बसपा के साथ गठबंधन की किसी संभावना पर लल्लू ने कहा, “गठबंधनों पर कांग्रेस का रुख साफ है, हम केवल छोटे दलों के साथ गठबंधन करेंगे। हम फिर से बड़े दलों के साथ गठबंधन करने के बारे में विचार भी नहीं करेंगे।” पिछले 32 वर्षों में गैर कांग्रेसी सरकारों के कुशासन की बात करने वाली कांग्रेस की पुस्तिका को लेकर सपा और बसा की प्रतिक्रिया की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि साफ है कि गरीबों, किसानों, युवाओं और महिला सुरक्षा के मुद्दे पर “हम छोटे दलों के साथ गठबंधन करेंगे।” लल्लू ने कहा, “हम मजबूत विपक्ष के तौर पर आगे बढ़ रहे हैं और प्रियंका गांधी के नेतृत्व में हम चुनाव जीतेंगे और 2022 में सरकार बनाएंगे।” साथ ही उन्होंने कहा कि वह गठबंधन के विषय पर छोटे दलों के साथ संपर्क में हैं, लेकिन अभी ब्योरों पर बात नहीं कर सकते।” सपा और बसपा दोनों ने कांग्रेस के साथ गठबंधन से इनकार किया है। जहां सपा के अखिलेश यादव ने कहा है कि उनकी पार्टी केवल छोटे दलों के साथ गठबंधन करेगी, वहीं मायावती ने कहा है कि बसपा अकेले चुनाव लड़ेगी। लल्लू ने दावा किया कि 2022 के चुनावों में सपा को भाजपा को मुख्य चुनौती देने वाली पार्टी बताना मीडिया द्वारा गढ़ी गई बात है और असल में कांग्रेस ही भाजपा से मुकाबला करने के लिए मजबूती से खड़ी है। कांग्रेस के ‘भाजपा गद्दी छोड़ो’ अभियान और पिछले महीने करीब 90 लाख लोगों के साथ सीधे संवाद के लिए ग्राम पंचायतों एवं वार्डों में पार्टी नेताओं द्वारा तीन दिन बिताए जाने का उदाहरण देते हुए लल्लू ने कहा कि केवल एक पार्टी अपने काडर को प्रशिक्षित करने पर ध्यान दे रही है और मैदान पर संघर्ष कर रही है और वह है कांग्रेस। उन्होंने दावा किया कि बढ़ती कीमतों, बेरोजगारी, किसानों की ‘दुर्दशा’, गरीबी, आरक्षण, ‘लोकतंत्र की हत्या’ जैसे मुद्दों पर भाजपा के खिलाफ लोगों में गुस्सा है। उन्होंने कहा कि यह गुस्सा चुनावों में नजर आएगा और आम जनता कांग्रेस के साथ खड़ी होगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पक्ष में मजबूत लहर है, जो चुनावों में दिखेगा। कई विपक्षी दलों द्वारा जातिगत जनगणना की मांग और इसपर कांग्रेस के रुख के बारे में पूछे जाने पर लल्लू ने कहा कि पार्टी का रुख साफ है वह जाति आधारित जनगणना के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के तहत भी कांग्रेस ने यह किया था और आरोप लगाया कि जब भाजपा सत्ता में आई, उसने जाति के आंकड़े प्रकाशित करने बंद कर दिये। प्रदेश अध्यक्ष ने जोर देकर कहा कि हरियाणा में हाल में किसानों पर की गई कार्रवाई और “तीन काले कृषि कानून” भी आगामी चुनावों में बड़े मुद्दे होंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि भीड़ हिंसा एवं घृणा की ताजा घटनाएं भाजपा द्वारा रची गईं क्योंकि वह “निराश और हताश” है। उन्होंने कहा कि भाजपा लोगों का भरोसा खो चुकी है और इसलिए हिंदू-मुस्लिम मामला उठाकर असल मुद्दे से लोगों का ध्यान भटका रही है। कांग्रेस ने 2017 के चुनावों में 403 सदस्यीय विधानसभा में महज सात सीटें जीती थीं, जबकि गठबंधन की उसकी सहयोगी सपा को 47 सीटें मिली थीं। भाजपा को 312 सीटों के साथ शानदार जीत मिली थी और बसपा के खाते में 19 सीट आई थी।

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Web Title: Will make alliance with only small parties for Uttar Pradesh assembly elections: State Congress President

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