पीएम मोदी के जन्मदिन को राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस के रूप में क्यों मनना चाहते हैं नौजवान, जानें वजह
By धीरज पाल | Published: September 12, 2020 08:05 PM2020-09-12T20:05:14+5:302020-09-12T20:16:15+5:30
अभी कई वैकेंसिया ऐसी हैं जो पिछले कई सालों से क्लियर ही नहीं हो पा रही है। इसमें से एक वैकंसी है SSC CGL 2018। साल 2018 में निकली इस भर्ती के लिए एग्जाम प्रोसेस अभी तक चल रहा है।
देशभर में बढ़ रही बेरोजगारी और अधूरी सरकारी नौकरियों की भर्ती पूरी कराने जैसे कई मुद्दों पर नौजवानों ने पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है। इस मुहिम का असर सड़कों पर भी दिखीं।
सबसे पहले 5 सितंबर को शाम 5 बजे 5 मिनट तक ताली और थाली बजाकर नौजवानों ने एकजुटता दिखाई थी, इसके बाद 9 सितंबर को रात 9 बजे देशभर के कोने-कोने से छात्र-छात्राओं ने 9 मिनट तक दीया, मोमबत्ती जलाकर विरोध प्रदर्शन किया था।
इसी बीच ट्विटर पर #राष्ट्रीय बेरोजगारी दिवस और # #17Sept17Hrs17Minutes ट्रेंड कर रहा है, जो 11 सितंबर को ट्विटर के टॉप ट्रेंडिग में से एक रहा। दरअसल, सोशल मीडिया के इस मुहिम के तहत ये नौजवान स्टूडेंट्स देश में 17 सितंबर को राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस के रूप में मनाने की बात कर रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि 17 सितंबर को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है।
इसके पीछ स्टूडेंट्स का मकसद है सालों से रुकी हुई सरकारी भर्तियों को पूरा कराने, बढ़ती बेरोजगारी और निजीकरण जैसे मुद्दे की बात को केंद्र की मोदी सरकार तक पहुंचाना है। इसके समर्थन में लोग सोशल मीडिया पर लोग जमकर ट्वीट भी कर रहे हैं।
इस मुहिम की शुरुआत करते हुए हंसराज मीणा ने ट्वीट कर कहा कि 17 सितंबर को पीएम मोदी का जन्मदिन है। मैं चाहता हूं कि इस दिन को राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस के रूप में मनाया जाये।
September 17 is the birthday of @narendramodi ji. I want to celebrate this day as National Unemployed Day. Will you join me? #राष्ट्रीय_बेरोजगार_दिवस
— Hansraj Meena (@HansrajMeena) September 11, 2020
वहीं एक यूजर ने लिखा कि भर्ती निकलें तो इम्तेहान नहीं, परीक्षा हो तो परीणाम नहीं, परिणाम निकले तो ज्वाइनिंग का नाम नहीं, आखिर क्यों युवाओं का सम्मान नहीं।
#राष्ट्रीय_बेरोजगार_दिवस#speakupforteachers#यूपी_प्राथमिक_नई_शिक्षक_भर्ती_कब#17Sept17Hrs17Minutes
— Shweta Sonkar (@ShwetaSonkar12) September 11, 2020
“Destroying any nation does not require the use of atomic bombs or the use of long range missiles. It only requires unemployment, uneducate and many more" @myogiadityanath@ndtvpic.twitter.com/53H5SS5wAm
इसके अलावा बेरोजगारी मुद्दे पर लोगों का एक नारा सोशल मीडिया पर खूब छाया हुआ है कि उठो युवाओ ललकार दो, कहो सरकार से रोजगार दो
जानें कैसे शुरू हुआ सोशल मीडिया पर ये आंदोलन
सोशल मीडिया के हर एक प्लेटफार्म जैसे ट्विटर, फेसबुक, इंस्टग्राम पर सरकारी नौकरियों के लिए होने वाली परीक्षाओं को लेकर नौजवान गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। ये सिलसिला तक शुरू हुआ जब 30 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात कही थी। इसके तुरंत बाद ही ट्विटर पर #Mann_ki_nahi_student_ki_Baat ट्रेंड करने लगा था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यूट्यूब चैनल पर नौजवान टूट पड़े और मन की बात के कार्यक्रम को धड़ाधड़ डिसलाइक करने लगे थे। इसके बाद ट्विटर #5bage5mint और हैशटैग9सिंतबर9बजे9मिनट के तहत युवाओं ने अपनी बात रखी है और अब एक बार फिर 17 इसितंबर को राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस के रूप में मानने का फैसला किया है। इस दौरान युवा लगातार अपने मुद्दों, हालातों और तमाम समस्याओं को सरकार तक बात पहुँचाने की कोशिश करेगा।
इन भर्तियों की बहाली पर सवाल
बता दें कि अभी कई वैकेंसिया ऐसी हैं जो पिछले कई सालों से क्लियर ही नहीं हो पा रही है। इसमें से एक वैकंसी है SSC CGL 2018। साल 2018 में निकली इस भर्ती के लिए एग्जाम प्रोसेस अभी तक चल रहा है। मई 2018 में एसएससी सीजीएल के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया था, साल 2019 के अलग-अलग महीने में टीयर 1, टीयर 2 और टीयर 3 की परीक्षा आयोजित कराई गई है, अब इसमें टीयर फोर का एग्जाम बाकी है।
बता दें कि अभी तक टीयर 3 का रिजल्ट नहीं घोषित किया गया है, जिसके एग्जाम दिसंबर में आयोजित कराई गयी थी। ऐसे ही उत्तर प्रदेश की एक वैकेंसी है UPSSSC Junior Engineer की, जो साल 2016 में निकाली थी, लेकिन अभी तक ये प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है।
फिलहाल नौजवान लगातार अपनी बात सोशल मीडिया के माध्यम से रख रहे हैं, लेकिन देखने वाला बात ये है कि आखिर कब तक सरकार नौजवानों के इस मुहिम को नजरअंदाज करती रहेगी?