शिवसेना ने मोदी सरकार से पूछा- जेएनयू, शिवाजी वाली किताब पर 'अभिव्यक्ति की आजादी' का अलग-अलग पैमाना क्यों
By भाषा | Published: January 15, 2020 08:13 PM2020-01-15T20:13:26+5:302020-01-15T20:13:26+5:30
शिवसेना ने मराठी मुखपत्र ‘‘सामना’’ में एक संपादकीय में मांग की है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय हिंदुत्व के विचारक वी डी सावरकर पर अशोभनीय टिप्पणी करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश जारी करे। पार्टी ने उनके लिए भारत रत्न की भी मांग की है।
शिवसेना ने जेएनयू मामले और छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना वाली विवादित किताब पर ‘‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’’ को लेकर ‘‘अलग-अलग मापदंड’’ अपनाने के लिए बुधवार को अपनी पूर्व सहयोगी भाजपा पर सवाल उठाया।
शिवसेना ने मराठी मुखपत्र ‘‘सामना’’ में एक संपादकीय में मांग की है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय हिंदुत्व के विचारक वी डी सावरकर पर अशोभनीय टिप्पणी करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश जारी करे। पार्टी ने उनके लिए भारत रत्न की भी मांग की है।
दिल्ली भाजपा के नेता जय भगवान गोयल की किताब ‘आज के शिवाजी : नरेंद्र मोदी’ से महाराष्ट्र की राजनीति गर्मा गयी है। शिवसेना ने कहा, ‘‘जब एक अनजान सा भाजपा कार्यकर्ता एक किताब प्रकाशित कराता है तो भाजपा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के आधार पर उसका बचाव करती है लेकिन वह आसानी से भूल जाती है कि जेएनयू के छात्रों के मामले में भी यही सिद्धांत लागू होता है, जो इसके लिए लड़ रहे हैं।’’
किताब पर प्रतिबंध की मांग करने वाली शिवसेना ने हैरानी जतायी कि भाजपा ने गोयल को पार्टी से अब तक निलंबित क्यों नहीं किया है। शिवसेना ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि इस मामले का निपटारा हो जाए लेकिन किताब का लेखक इसे फिर से लिखने पर डटा हुआ है, इससे साफ जाहिर होता है कि मुद्दा अबतक नहीं निपटा है।’’
शिवसेना ने सावरकर को भारत रत्न प्रदान करने की अपनी पुरानी मांग फिर से उठायी है। सावरकर की विरासत को बरकरार रखने के लिए भाजपा पर केवल बयानबाजी करने का आरोप लगाते हुए शिवसेना ने पूछा कि क्या गृह मंत्रालय उनके खिलाफ अशोभनीय सूचना फैलाने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए आदेश जारी करेगा।