आखिर 26 जनवरी को ही क्यों भारत में मनाया जाता है गणतंत्र दिवस, भारतीय संविधान क्या है और यह कब हुआ था लागू, जानें सबकुछ
By आजाद खान | Published: January 23, 2023 01:02 PM2023-01-23T13:02:10+5:302023-01-23T13:41:46+5:30
आपको बता दें कि हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि यह वही दिन जिस दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ब्रिटिश शासन के डोमिनियन स्थिति का विरोध करते हुए अंग्रजों के औपनिवेशिक शासन को खत्म करने की घोषणा की थी।
नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस एक राष्ट्रीय त्योहार है जिसे हम हर साल 20 जनवरी को मनाते है। ऐसे में इस साल भारत का 74वां गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा। पूरे भारत में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है, ऐसा इसलिए क्योंकि यही वह दिन है जिस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था।
26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है
भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था और इसके लागू होने के साथ भारत को एक स्वतंत्र गणराज्य के रूप में पहचान मिली थी। इसके बाद से ही भारतवासियों द्वारा हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।
अब सवाल यह उठता है कि 26 जनवरी के ही दिन क्यों गणतंत्र दिवस मनाया जाता है या यह कह ले कि इसी दिन ही क्यों संविधान को लागू करने को चुना गया था। आपको बता दें कि इसी दिन ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ब्रिटिश शासन के डोमिनियन स्थिति का विरोध करते हुए अंग्रजों के औपनिवेशिक शासन को खत्म करने का एलान किया था। यही कारण है कि इस दिन को संविधान को लागू करने के लिए चुना गया था और हर साल इसी दिन को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।
भारत के संविधान का इतिहास
आपको बता दें कि यूनाइटेड किंगडम की संसद से अनुकूलित 1935 के भारत सरकार अधिनियम को हटाकर भारत के संविधान को देश का सर्वोच्च कानून बनाया गया था। ऐसे में जब भारत 1947 में आजाद हो गया था तो भारत के संविधान बनाने के लिए भारत की संविधान सभा को चुना गया था। इस सभा द्वारा बनाए गए भारत के संविधान को 26 नवंबर, 1949 को पारित किया गया था और इसी दिन ही इसे अपनाया गया था। इसके बाद इसके अगले साल 26 नवंबर, 1950 को भारत के संविधान को लागू कर दिया गया था।
भारत के संविधान की विशेषताएं
भारत का संविधान एक ऐसा संविधान है जो सबसे लंबा और दूसरा सबसे बड़ा सक्रिय संविधान है। इस संविधाम में 25 भागों में 470 लेख और पांच परिशिष्टों के साथ 12 अनुसूचियां हैं। आपको बता दें कि यह संविधान केंद्र सरकार और राज्य सरकार के राजनीतिक शक्ति के संरचना में अंतर करता है।