राष्ट्रपति चुनाव के लिए ईवीएम की जगह मतपेटी का इस्तेमाल ही क्यों किया जाता है? जानिए क्या है वजह
By भाषा | Published: July 18, 2022 10:09 AM2022-07-18T10:09:29+5:302022-07-18T10:13:08+5:30
भारत में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का उपयोग हो रहा है। हालांकि, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति सहित राज्यसभा के सदस्यों और राज्य विधान परिषदों के सदस्यों के चुनाव में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
नयी दिल्ली: कभी आपने सोचा है कि 2004 के बाद से चार लोकसभा चुनावों और 127 विधानसभा चुनावों में इस्तेमाल होने वाली इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति, राज्यसभा के सदस्यों और राज्य विधान परिषदों के सदस्यों के चुनाव में इस्तेमाल क्यों नहीं किया जाता?
ईवीएम एक ऐसी तकनीक पर आधारित है जहां वह लोकसभा और राज्य विधानसभाओं जैसे प्रत्यक्ष चुनावों में वोट के समूहक (एग्रेगेटर) के रूप में काम करती है।
मतदाता अपनी पसंद के उम्मीदवार के नाम के सामने वाले बटन को दबाते हैं और जो सबसे अधिक वोट प्राप्त करता है उसे निर्वाचित घोषित किया जाता है। लेकिन राष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से होता है।
आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से, प्रत्येक निर्वाचक उतनी ही वरीयताओं पर निशान लगा सकता है, जितने उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए अलग ईवीएम की होगी जरूरत
सोमवार को राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष समर्थित यशवंत सिन्हा दो उम्मीदवार हैं। अधिकारियों ने बताया कि ईवीएम को मतदान की इस प्रणाली को दर्ज करने के लिए नहीं बनाया गया है। ईवीएम वोट का समूहक है और आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के तहत मशीन को वरीयता के आधार पर वोटों की गणना करनी होगी और इसके लिए पूरी तरह से अलग तकनीक की आवश्यकता होगी।
दूसरे शब्दों में, एक अलग प्रकार की ईवीएम की आवश्यकता होगी। निर्वाचन आयोग की त्रैमासिक पत्रिका ‘माई वोट मैटर्स’ के अगस्त, 2021 के अंक के अनुसार 2004 से अब तक चार लोकसभा और 127 विधानसभा चुनावों में ईवीएम का इस्तेमाल किया जा चुका है।
निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के अनुसार, पहली बार 1977 में निर्वाचन आयोग में इसकी परिकल्पना की गई थी और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल), हैदराबाद को ईवीएम को डिजाइन और विकसित करने का काम सौंपा गया था।