देश पर 600 साल तक शासन करने वाला और 16-17 करोड़ की आबादी वाला मुस्लिम समाज ‘भयभीत’ क्योंः कृष्ण गोपाल

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 12, 2019 03:53 PM2019-09-12T15:53:49+5:302019-09-12T15:53:49+5:30

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल ने एक लेख का हवाला देते हुए कहा, ‘‘देश में पारसी करीब 50 हजार हैं, जैन 45 लाख हैं, बौद्ध 80-90 लाख हैं, यहूदी पांच हजार हैं। ये लोग भयभीत नहीं है। आपने कभी सुना है कि पारसी भयभीत है, जैन भयभीत हैं? तुम 16-17 करोड़ लोग हो, तुम भयभीत क्यों हैं, किससे भयभीत हो? यह बड़ा प्रश्न है।’’

Why a Muslim society that ruled the country for 600 years and with a population of 16-17 crores is 'frightened': Krishna Gopal | देश पर 600 साल तक शासन करने वाला और 16-17 करोड़ की आबादी वाला मुस्लिम समाज ‘भयभीत’ क्योंः कृष्ण गोपाल

पाकिस्तान भी दुखी क्यों रहे? पाकिस्तान के लोग भी सुखी रहें? भारत की सोच विभाजनकारी नहीं है।

Highlightsउन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई भय है तो उसे दूसरे करने के लिए चर्चा करनी चाहिए।गोपाल ने यह भी कहा कि भारत में यह कोई नहीं चाहेगा कि पाकिस्तानी दुखी रहें क्योंकि भारत की परंपरा ‘सर्वे भवंतु सुखिन:..’ की है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल ने देश में सभी धर्मों के बीच समन्वय की जरूरत पर जोर देते हुए बुधवार को कहा कि देश पर 600 साल तक शासन करने वाला और 16-17 करोड़ की आबादी वाला मुस्लिम समाज ‘‘भयभीत’’ क्यों है जबकि कुछ लाख एवं हजार की आबादी वाले अन्य धर्मों के लोग भयभीत नहीं हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई भय है तो उसे दूसरे करने के लिए चर्चा करनी चाहिए। मुगल बादशाह शाहजहां के पुत्र और विचारक दारा शिकोह पर आयोजित एक कार्यक्रम में गोपाल ने यह भी कहा कि भारत में यह कोई नहीं चाहेगा कि पाकिस्तानी दुखी रहें क्योंकि भारत की परंपरा ‘सर्वे भवंतु सुखिन:..’ की है।

उन्होंने एक लेख का हवाला देते हुए कहा, ‘‘देश में पारसी करीब 50 हजार हैं, जैन 45 लाख हैं, बौद्ध 80-90 लाख हैं, यहूदी पांच हजार हैं। ये लोग भयभीत नहीं है। आपने कभी सुना है कि पारसी भयभीत है, जैन भयभीत हैं? तुम 16-17 करोड़ लोग हो, तुम भयभीत क्यों हैं, किससे भयभीत हो? यह बड़ा प्रश्न है।’’

आरएसएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, ‘‘जिस समाज ने 600 वर्षों तक शासन किया हो वो भयभीत क्यों हो गया और किससे भयभीत हो गया?’’ उन्होंने कहा कि हमारे समाज ने सभी लोगों को अपनाया और सभी को अपने घर में प्रेम से रखा है। अगर आप समन्वय के धागे ढूंढेंगे तो समन्वय के धागे मिलेंगे।’’

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘ इस देश ने कभी किसी विभाजनकारी नीति और सोच को प्रश्रय नहीं दिया। सारी धरती अपनी है। सर्वे भवंतु सुखिन:, यह हमारी परंपरा है।’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से रोज झंझट चलता है। अगर कोई नया ‘‘मंत्र’’ बनाए कि पाकिस्तान को छोड़कर सभी खुश रहें, तो पक्का मानिए कि इस देश के लोग यह स्वीकार नहीं करेंगे।

पाकिस्तान भी दुखी क्यों रहे? पाकिस्तान के लोग भी सुखी रहें? भारत की सोच विभाजनकारी नहीं है।’’ गोपाल ने कहा कि औरंगजेब क्रूरता का प्रतीक था तो दारा शिकोह समावेशी सोच के प्रतीक थे। 

Web Title: Why a Muslim society that ruled the country for 600 years and with a population of 16-17 crores is 'frightened': Krishna Gopal

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