जिनेवा: दुनियाभर में कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से 15 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और करीब साढ़े तीन लाख लोग प्रभावित हुए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आपातकाल विशेषज्ञ माइक रायन ने कोरोना वायरस पर उठाए गए भारत के कदम की तारीफ की है। माइक रायन ने कहा है कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए भारत के पास बेहतर क्षमता है। उन्होंने कहा कि भारत ने पहले भी साइलेंट कीलर कही जाने वाली 2 गंभीर बीमारियों (स्मॉल पॉक्स और पोलियो) से लड़कर दिखाया है और इसके उन्मूलन में दुनिया की अगुवाई की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से पहले भी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के कामों की तारीफ की गई है। भारत के लगभग सभी राज्यों में कोरोना को रोकने के लिए लॉकडाउन का ऐलान किया गया है। जो 31 मार्च तक लागू है।
माइक रायन ने कहा है कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए भारत के पास जबरदस्त क्षमता है और इस वायरस को रोकना भी अब उनके हाथ में ही है। माइक रायन ने कहा कि सिर्फ भारत के पास ही नहीं बल्कि सभी देशों में भी जबरदस्त क्षमता है कि वे अपने समुदायों और नागरिक समाजों को एकत्र करें और इस वायरस को फैलने से रोकें।
माइकल रेयान ने कहा कि भारत चीन जैसे घनी आबादी वाला देश में जो कुछ भी होगा वह कोरोना का आने वाला वक्त तय करेगा। इस वक्त यह बहुत महत्वपूर्ण है कि भारत सार्वजनिक स्वास्थ्य स्तर पर अपनी आक्रामक कार्रवाई जारी रखे।
उन्होंने कहा, "कोई आसान जवाब नहीं है। यह असाधारण रूप से महत्वपूर्ण है कि भारत जैसे देश दुनिया को रास्ता दिखाते हैं जैसा उन्होंने पहले किया है।"
कोविड-19 में ‘बिना परीक्षण वाली’ दवाओं के इस्तेमाल के प्रति WHO ने चेतावनी जारी की
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सोमवार को चेतावनी दी कि कोविड-19 के उपचार में बिना परीक्षण वाली दवाओं का इस्तेमाल खतरनाक हो सकता है और इससे झूठी उम्मीदें जग सकती हैं। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टी. ए. गेब्रेयेसस ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘बिना सही साक्ष्य के बिना परीक्षण वाली दवाओं का इस्तेमाल करने से झूठी उम्मीदें जग सकती हैं और यह लाभ के बजाए ज्यादा नुकसान कर सकती हैं और आवश्यक दवाओं की कमी हो सकती है जिनकी जरूरत अन्य बीमारियों के उपचार में होती हैं।’’