'जन गण मन...' को सबसे पहले कब गाया गया था, बंगाली से कैसे हिंदी में हुआ अनुवाद, जानें भारत के राष्ट्रगान के बारे में कुछ दिलचस्प बातें
By मेघना सचदेवा | Published: August 5, 2022 05:19 PM2022-08-05T17:19:19+5:302022-08-05T17:19:19+5:30
भारत के राष्ट्रगान को नोबेल पुरस्कार विजेता रविंद्र नाथ टैगोर ने लिखा है लेकिन जब उन्होंने इसे लिखा था उसी दौरान इसे राष्ट्रगान की उपाधि नहीं दी गई थी। उन्होंने बंगाली में एक भजन लिखा था जिसका पहला छंद भारत का राष्ट्रगान बना।

'जन गण मन...' को सबसे पहले कब गाया गया था, बंगाली से कैसे हिंदी में हुआ अनुवाद, जानें भारत के राष्ट्रगान के बारे में कुछ दिलचस्प बातें
भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने पर केंद्र सरकार ने 'हर घर तिरंगा' अभियान की शुरूआत की है। जैसे तिरंगा फहराना हमारे अंदर राष्ट्रप्रेम भावना को जगाता है वैसे ही हमारा राष्ट्रगान भी देशभक्ति की भावना जागृत करता है। सावधान मुद्रा में खड़े होकर भारत के राष्ट्रगान यानी जन गण मन को गाया जाता है।
राष्ट्रागान को लेकर कुछ महत्वपूर्ण बातें
जन गण मन को राष्ट्रगान के रूप में 24 जनवरी 1950 को अपनाया गया था। जबकि इसे पहली बार दिसंबर 1911 में गाया गया था। जानकारी के मुताबिक जन गण मन का पहला संस्करण कलकत्ता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक सम्मेलन में गाया गया था।
रविंद्र नाथ टैगोर ने बंगाली में एक भजन लिखा था। इस भजन में 5 छंद थे। जिसमें से पहले छंद को राष्ट्रगान में इस्तेमाल किया गया है। साल 1919 में इसी बंगाली भजन का अंग्रेजी में अनुवाद किया गया था।
साल 1942 में पहली बार जन गण मन को नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने राष्ट्रगान माना था।
पहली बार वैश्विक स्तर पर जन गण मन हैम्बर्ग में प्रस्तुत किया गया था। हालांकि आधिकारिक तौर 1950 में ही इसे राष्ट्रगान घोषित किया गया। 24 जनवरी 1950 में यानी आजादी के बाद संविधान सभा में जन गण मन को राष्ट्रगान के तौर पर अपनाया गया है।
14 अगस्त 1947 की रात संविधान सभा पहली बार बैठी तो उसका समापन जन गण मन से हुआ ।
राष्ट्रगान के गायन की अवधि 52 सेकेण्ड है। कुछ अवसरों पर इसको संक्षिप्त में भी गाया जाता है जिसमें 20 सेकेण्ड ही लगते हैं क्योंकि उस समय राष्ट्रगान की पहली और अंतिम पंक्तियों को ही गाया जाता है।
राष्ट्रगान को अलग अलग अवसरों पर गाया जाता हैं। गृह मंत्रालय की वेबसाइट पर इस बात का जिक्र है कि राष्ट्रगान को सिविल और सैनिक सम्मान समारोह, जब राष्ट्रपति या राज्यपाल को सलामी दी जाए, परेड के वक्त, औपचारिक राजकीय समारोह, राज्यपाल और उपराज्यपाल के किसी समारोह में शामिल होने पर, नौ सेना में ध्वजारोहण के वक्त गाया जाता है। हालांकि कई जगहों पर इसका संक्षिप्त पाठ भी हो सकता है। ये भी कहा गया है कि राष्ट्रगान को सामूहिक रूप से कहीं भी गाया जा सकता है लेकिन पूरे सम्मान के साथ।
राष्ट्रगान गाते वक्त सभी को सावधान मुद्रा में खड़ा होना होता है। हालांकि अगर राष्ट्रगान को फिल्म के अंश के रूप में बजाया जा रहा हो तो दर्शकों से खड़े होने की अपेक्षा नहीं की जाती।