WhatsApp हैकिंग विवाद: रणदीप सुरजेवाला ने कहा- एक मैसेज प्रियंका गांधी को भी आया था
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: November 3, 2019 06:08 PM2019-11-03T18:08:26+5:302019-11-03T18:09:10+5:30
रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ''जब व्हाट्सऐप उन लोगों को मैसेज भेजे जिनके फोन हैक किए गए थे तब ऐसा ही मैसेज प्रियंका गांधी वाड्रा को भी मिला था।''
मैसेजर ऐप व्हाट्सऐप के द्वारा गिने-चुने लोगों की जासूसी करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पिछले दिनों व्हाट्सऐप के स्वामित्व वाली कंपनी फेसबुक ने आरोप लगाया था इजरायली स्पाईवेयर ने व्हाट्ऐप के जरिये लोगों की जासूसी की। अब कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि इस विवाद से जुड़ा एक मैसेज प्रियंका गांधी वाड्रा को मिला था।
रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ''जब व्हाट्सऐप उन लोगों को मैसेज भेजे जिनके फोन हैक किए गए थे तब ऐसा ही मैसेज प्रियंका गांधी वाड्रा को भी मिला था।''
पार्टी ने रविवार (3 नवंबर) को कहा कि प्रियंका गांधी के व्हाट्सऐप मैसेज में कहा गया था कि उनके फोन के हैक होने की आशंका है।
हालांकि, पार्टी ने यह साफ नहीं किया कि प्रियंका गांधी को ऐसा मैसेज कब मिला था।
रणदीप सुरजेवाला से जब एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को व्हाटऐप का संदेश मिलने के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपसे कहना चाहता हूं कि प्रियंका गांधी को भी लगभग उसी वक्त व्हाट्सऐप से इसी तरह का एक मैसेज मिला हुआ था।’’
Randeep Surjewala, Congress: When WhatsApp sent messages to all those whose phones were hacked, one such message was also received by Priyanka Gandhi Vadra. pic.twitter.com/yIulj78GeY
— ANI (@ANI) November 3, 2019
वहीं सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने कहा कि जून महीने से लेकर अब तक कई दौर की बात हुई लेकिन कंपनी ने अब तक एक बार भी हैकिंग मामले का जिक्र नहीं किया।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार हैकिंग मामले के खुलासे के वक्त को लेकर भी सवाल खड़े कर रही है। व्हाट्सऐप के दुनिया भर में डेढ़ अरब से ज्यादा यूजर हैं। जिनमें अकेले 40 करोड़ यूजर भारत से ही है। इससे पहले फर्जी खबरों को फैलाने के कारण व्हाट्सऐप पर सरकार की निगरानी में रह चुकी है।
बता दें कि व्हाट्सऐप ने सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की वैश्विक स्तर पर जासूसी किए जाने मामले का खुलासा बीते गुरुवार को किया था। कंपनी ने बताया था कि कुछ भारतीय पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता भी जासूसी के शिकार हुए हैं।
सूत्रों की मानें को भारत सरकार ने 4 नवंबर तक व्हाट्सऐप से जवाब मांगा है कि वह लोगों की निजता की सुरक्षा के लिए क्या उपाय उठा रही है।