नेहरू सरनेम इस्तेमाल करने पर शर्म क्यों, पीएम मोदी ने गांधी-परिवार पर साधा निशाना- अगर इतना महान व्यक्तित्व आपको...
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 10, 2023 09:50 AM2023-02-10T09:50:11+5:302023-02-10T10:14:22+5:30
मोदी ने कहा कि जो लोग आज विपक्ष में बैठे हैं उन्होंने तो राज्यों के अधिकारों की धज्जियां उड़ा दी थीं। उन्होंने कहा, "जरा इतिहास उठा करके देख लीजिए, वो कौन पार्टी थी, वो कौन सत्ता में बैठे थे, जिन्होंने अनुच्छेद 356 का सबसे ज्यादा दुरुपयोग किया। 90 बार चुनी हुई सरकारों को गिरा दिया। कौन हैं वो, कौन हैं जिन्होंने किया, कौन हैं जिन्होंने किया, कौन हैं जिन्होंने किया।"
नयी दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी ने गुरुवार को राज्य सभा में गांधी परिवार पर सीधा हमला बोलते हुए पूछा कि उन्हें नेहरू उपनाम का इस्तेमाल करने में शर्म क्यों आती है।
राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 600 सरकारी योजनाएं सिर्फ गांधी-नेहरू परिवार के नाम पर हैं। उन्होंने कहा कि किसी कार्यक्रम में अगर नेहरू के नाम का उल्लेख नहीं होता है तो कुछ लोगों के बाल खड़े हो जाते हैं और उनका लहु एकदम गर्म हो जाता है कि नेहरू जी का नाम क्यों नहीं दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा, "मुझे ये समझ नहीं आता है कि उनकी पीढ़ी का कोई व्यक्ति नेहरू सरनेम रखने से डरता क्यों है। क्या शर्मिंदगी है नेहरू सरनेम रखने से। क्या शर्मिंदगी है। इतना बड़ा महान व्यक्तित्व अगर आपको मंजूर नहीं है, परिवार को मंजूर नहीं है और हमारा हिसाब मांगते रहते हो।"
#Congress को जवाब देना चाहिए कि क्यों #Nehru नाम से उसे एलर्जी है?
— Neeraj Kumar Dubey (@neerajdubey) February 9, 2023
क्या ये शर्मिंदगी इस वजह से है कि #नेहरू भारत के विभाजन के जिम्मेदार थे ?
क्या ये शर्मिंदगी इस वजह से है कि नेहरू की नीतियों के चलते काफी इलाका #China ने कब्जा लिया व उनके अकुशल नेतृत्व में 1962 में देश हारा था? pic.twitter.com/o47PTN6hiO
मोदी ने सहकारी संघवाद के मुद्दे पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकारों ने कई क्षेत्रीय दलों के प्रतिनिधित्व वाली राज्य सरकारों को गिराने के लिए संविधान के अनुच्छेद 356 का कम से कम 90 बार इस्तेमाल किया।
मोदी ने आरोप लगाया कि इंदिरा गांधी ने अकेले अनुच्छेद 356 का इस्तेमाल राज्यों में क्षेत्रीय दलों की सरकारों को गिराने के लिए 50 बार किया। उन्होंने द्रमुक, तेदेपा और वाम दलों तथा शरद पवार की राकांपा जैसे दलों पर कांग्रेस के साथ गठबंधन करने पर भी सवाल उठाया और उन्हें याद दिलाया कि देश की सबसे पुरानी पार्टी ने अतीत में उनकी भी सरकारें गिरा दी थीं।
मोदी ने कहा कि जो लोग आज विपक्ष में बैठे हैं उन्होंने तो राज्यों के अधिकारों की धज्जियां उड़ा दी थीं। उन्होंने कहा, "जरा इतिहास उठा करके देख लीजिए, वो कौन पार्टी थी, वो कौन सत्ता में बैठे थे, जिन्होंने अनुच्छेद 356 का सबसे ज्यादा दुरुपयोग किया। 90 बार चुनी हुई सरकारों को गिरा दिया। कौन हैं वो, कौन हैं जिन्होंने किया, कौन हैं जिन्होंने किया, कौन हैं जिन्होंने किया।" मोदी ने कहा कि इंदिरा गांधी ने तो अनुच्छेद 356 का 50 बार उपयोग किया।
उन्होंने कहा, "केरल में आज जो लोग इनके साथ खड़े हैं जरा याद कर लीजिए... केरल में वामपंथी सरकार चुनी गई जिसे पंडित नेहरू पसंद नहीं करते थे। कुछ ही कालखंड के अंदर चुनी हुई पहली सरकार को घर भेज दिया।" द्रमुक के सदस्यों से प्रधानमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु में एमजीआर और करुणानिधि जैसे दिग्गजों की सरकारों को भी कांग्रेस ने गिराया। उन्होंने कहा, "एमजीआर की आत्म देखती होगी आप कहां खड़े हो।"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 1980 में शरद पवार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने लेकिन उनकी सरकार को भी गिरा दिया गया था और आज वो कांग्रेस के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा, "हर क्षेत्रीय नेता को उन्होंने परेशान किया।" प्रधानमंत्री ने कहा कि एनटीआर की सरकार को तो तब गिराने का प्रयास किया गया जब अस्वस्थता की हालत में अमेरिका गए थे। उन्होंने कहा, "ये कांग्रेस की राजनीति का स्तर था। अखबार निकाल कर देख लीजिए, हर अखबार लिखता था कि राजभवनों को कांग्रेस के दफ्तर बना दिए गए थे।"
उन्होंने कहा कि 2005 में झारखंड में राजग के पास ज्यादा सीटें थीं लेकिन राज्यपाल ने संप्रग को शपथ के लिए बुला लिया था और 1982 में हरियाणा में भाजपा और देवीलाल की पार्टी के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन था लेकिन उसके बावजूद राज्यपाल ने कांग्रेस को सरकार बनाने का निमंत्रण दिया। उन्होंने कहा, "ये कांग्रेस का अतीत है और आज वह देश को गुमराह करने की बातें कर रहे हैं।"