जानें क्या है 'स्वामित्व' योजना: प्रॉपर्टी कार्ड से आपको कैसे होगा फायदा, पीएम मोदी ने की शुरुआत
By स्वाति सिंह | Published: October 11, 2020 01:13 PM2020-10-11T13:13:36+5:302020-10-11T13:20:29+5:30
स्वामित्व योजना का मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में घरों के मालिकों को अधिकार संबंधी रिकॉर्ड से संबद्ध संपत्ति कार्ड उपलब्ध कराना है। इस योजना को चरणबद्ध तरीके से चार साल (2020-24) में पूरे देश में लागू किया जाना है।इसके दायरे में करीब 6.62 लाख गांव आएंगे।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘स्वामित्व’ योजना के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संपत्ति कार्डों का रविवार को भौतिक वितरण शुरू किया और कहा कि यह ग्रामीण भारत को बदलने वाला ‘‘ऐतिहासिक कदम’’ है। सरकार की इस पहल से ग्रामीणों को अपनी जमीन और संपत्ति को वित्तीय पूंजी के तौर पर इस्तेमाल करने की सुविधा मिलेगी जिसके एवज में वे बैंकों से कर्ज और अन्य वित्तीय लाभ उठा सकेंगे।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा कि इस कार्यक्रम की शुरुआत से करीब एक लाख संपत्ति मालिक अपनी संपत्ति से जुड़े कार्ड अपने मोबाइल फोन पर एसएमएस लिंक के जरिए डाउनलोड कर सकेंगे। इसके बाद संबंधित राज्य सरकारें संपत्ति कार्डों का भौतिक वितरण करेंगी। ये लाभार्थी छह राज्यों के 763 गांवों से हैं। इनमें उत्तर प्रदेश के 346, हरियाणा के 221, महाराष्ट्र के 100, मध्य प्रदेश के 44, उत्तराखंड के 50 और कर्नाटक के दो गांव शामिल हैं। मोदी ने स्वामित्व (ग्रामीण क्षेत्रों में अत्याधुनिक तकनीक के साथ गांवों का सर्वेक्षण एवं मानचित्रण) योजना के कई लाभार्थियों से बातचीत की।
जानें क्या है 'स्वामित्व’ योजना?
केंद्र की मोदी सरकार की 'स्वामित्व' योजना राष्ट्रीय पंचायती दिवस (24 अप्रैल), 2020 को लॉन्च की गई थी। पंचायती राज मंत्रालय ही इस योजना को लागू कराने वाला नोडल मंत्रालय है। राज्यों में योजना के लिए राजस्व/भूलेख विभाग नोडल विभाग हैं। 'स्वामित्व' योजना का मकसद है कि ग्रामीण इलाकों की जमीनों का सीमांकन ड्रोन सर्वे टेक्नोलॉजी के जरिए हो। इससे ग्रामीण इलाकों मे मौजूद घरों के मालिकों के मालिकाना हक का एक रिकॉर्ड बनेगा। वह इसका इस्तेमाल बैंकों से कर्ज लेने के अलावा अन्य कामों में भी कर सकते हैं।
स्वामित्व योजना के लाभ
स्वामित्व योजना के तहत ड्रोन सर्वे तकनीक की सहायता से गांव के आबादी वाले क्षेत्रों का सीमांकन किया जाएगा। इससे गांव में रहने वाले लोगों को अपनी संपत्ति का रिकॉर्ड्स ऑफ राइट्स हासिल होगा। इन रिकॉर्ड्स के जरिए वे अपनी संपत्ति का वित्तीय रुप में इस्तेमाल कर सकेंगे और बैंक से कर्ज या अन्य वित्तीय सुविधाएं लेने में कर सकते हैं। इस योजना से ग्रामीण योजना के लिए जमीन के सटीक आंकड़े मिलेंगे और प्रॉपर्टी टैक्स के आकलन में सरकार को मदद मिलेगी। इसके अलावा इससे जमीन से जुड़े कानूनी झगड़े कम करने में मदद मिलेगी।