सरकारी नौकरी से वंचित किए जाने का आरोप लगाते हुए पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थियों ने किया प्रदर्शन
By भाषा | Updated: January 21, 2021 21:23 IST2021-01-21T21:23:06+5:302021-01-21T21:23:06+5:30

सरकारी नौकरी से वंचित किए जाने का आरोप लगाते हुए पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थियों ने किया प्रदर्शन
जम्मू, 21 जनवरी पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थियों ने जम्मू कश्मीर प्रशासन के विरोध में बृहस्पतिवार को शहर में प्रदर्शन किया और कहा कि अनुच्छेद 370 के प्रावधान निरस्त किए जाने और नागरिकता के अधिकार मिलने के बावजूद उन्हें सरकारी नौकरी से वंचित रखा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले उनके समुदाय के कुछ युवा जम्मू कश्मीर पुलिस में भर्ती होने गए थे लेकिन भर्ती परीक्षा के लिए जरूरी सभी मानदंडों को पूरा करने के बावजूद पुलिस अधिकारियों ने उन्हें वापस लौटा दिया।
पुलिस की ओर से इन आरोपों पर कोई तात्कालिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थी समिति के अध्यक्ष लाबा राम गांधी के नेतृत्व में 300 से अधिक शरणार्थियों ने विरोध प्रदर्शन किया और न्याय की मांग को लेकर नारे लगाए।
उन्होंने अपनी संतानों को सरकारी नौकरी और परिजनों को केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ देने की मांग की।
गांधी ने यहां संवाददाताओं से कहा, “जम्मू कश्मीर के नागरिक होने के नाते हम तय प्रक्रिया के तहत सरकारी नौकरी की मांग के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कहा कि कुछ दिन पहले जम्मू कश्मीर पुलिस में भर्ती अभियान चलाया जा रहा था।
गांधी ने कहा, “हमारे लड़कों ने सभी अनिवार्य शारीरिक और लिखित परीक्षाएं उत्तीर्ण कर ली थीं। वह अपने दस्तावेज जमा करने पुलिस लाइन गए तो उन्हें यह कहकर वापस लौटा दिया गया कि उन्हें राज्य का निवासी होने का प्रमाण पत्र लाना होगा।”
उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों ने लड़कों से कहा कि उन्हें राज्य का निवासी होने का प्रमाण पत्र लाना होगा और इस नियम को बदला नहीं गया है।
उप राज्यपाल के प्रशासन की आलोचना करते हुए गांधी ने कहा, “अनुच्छेद 370 के प्रावधान और अनुच्छेद 35 ए निरस्त हुए अठारह महीने हो चुके हैं। हमें नागरिकता के अधिकार मिल गए हैं। हमने पहली बार जिला विकास परिषद के चुनावों में मतदान किया। लेकिन अब पुलिस हमें नौकरी के अधिकार से वंचित रखना चाहती है जबकि राज्य के निवासी होने का प्रमाण पत्र दिखाने की अनिवार्यता समाप्त हो चुकी है।
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