जगदीप धनखड़ का दावा, रामायण के दिनों में भी था 'पुष्पक विमान, अर्जुन के तीरों में थी परमाणु शक्ति
By भाषा | Published: January 15, 2020 05:39 AM2020-01-15T05:39:32+5:302020-01-15T05:40:00+5:30
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को दावा किया कि रामायण के दिनों में भी ‘पुष्पक विमान’ था और महाभारत के अर्जुन के तीरों मे परमाणु शक्ति थी। यहा एक कार्यक्रम में धनखड़ ने कहा, ‘‘यह 20वीं सदी में नहीं, बल्कि रामायण के दिनों में हमारे पास पुष्पक विमान था।
संजय ने महाभारत का पूरा युद्ध घृतराष्ट्र को सुनाया, लेकिन टीवी देखकर नहीं। महाभारत में अर्जुन के तीरों में परमाणु शक्ति थी।’’ महाकाव्य महाभारत में ऐसा प्रसंग है कि कुरुक्षेत्र के युद्ध के दौरान संजय ने हस्तिनापुर में बैठकर दृष्टिबाधित नरेश धृतराष्ट्र को आंखों देखा हाल सुनाया था। इसके लिए संजय के पास दिव्यदृष्टि जैसी कोई शक्ति थी।
इससे पहले ट्विटर पर लोगों ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को जमकर ट्रोल किया गया क्योंकि इस माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर अपनी तस्वीर के साथ की गई पोस्ट में लॉर्ड कर्जन द्वारा बंगाल विभाजन के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने के लिए इस्तेमाल की गई मेज को “ऐतिहासिक” बताया था।
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मेज को बताया 'ऐतिहासिक', हो गए ट्रोल
सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने राज्यपाल की आलोचना करते हुए दावा किया कि उन्होंने अपने ट्वीट में विभाजन का महिमामंडन किया है। दो प्रमुख लेखकों, जिन्होंने 1947 में बंगाल विभाजन की विभीषिका का अनुभव किया है, ने कहा कि धनखड़ द्वारा इस्तेमाल किया गया “ऐतिहासिक” शब्द गलत है।
राज्यपाल ने मंगलवार को ट्वीट किया, “1905 में लॉर्ड कर्जन ने जिस ऐतिहासिक मेज पर पहले बंगाल विभाजन के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए थे, उस पर बैठकर ऐतिहासिक राज भवन पुस्तकालय में पश्चिम बंगाल राज्य के लोगों के लिए नए साल का संदेश रिकॉर्ड किया।” उन्हें जब ट्रोल किया जाने लगा, तो उन्होंने तुरंत एक अन्य संदेश ट्वीट किया और कहा कि वह लोगों के एक “विनम्र सेवक” हैं।
उन्होंने कहा, “इस कुर्सी पर बैठा व्यक्ति लोगों का विनम्र सेवक है, जिसे संविधान को बनाए रखने और उसकी रक्षा करने तथा पश्चिम बंगाल के लोगों की सेवा करने का आदेश मिला है।” तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने इस प्रकरण को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया।