West Bengal Doctors Strike: गृह मंत्रालय ने डॉक्टरों की हड़ताल पर ममता बनर्जी से मांगी रिपोर्ट
By संतोष ठाकुर | Published: June 16, 2019 07:47 AM2019-06-16T07:47:50+5:302019-06-16T07:47:50+5:30
पश्चिम बंगाल को लेकर भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच राजनीतिक लड़ाई बढ़ती दिख रही है. इसकी वजह यह है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आज पश्चिम बंगाल सरकार से राज्य में चल रही राजनीतिक हिंसा पर एक बार फिर रिपोर्ट मांगी है. अमित शाह के गृह मंत्री बनने के बाद गृह मंत्रालय ने दूसरी बार पश्चिम बंगाल को लेकर एडवाइजरी जारी की है.
इसके साथ ही राज्य से डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर भी विस्तृत जवाब मांगा है. गृह मंत्रालय ने ममता बनर्जी सरकार से पूछा है कि डॉक्टरों की हड़ताल खत्म करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं. डॉक्टरों और चिकित्सा अधिकारियों की सुरक्षा के उपायों को लेकर भी सवाल किया है. एक दिन पहले राज्य के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर उन्हें राज्य के मौजूदा हालात से अवगत कराया था.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से सवाल किया है कि वह राजनीतिक हिंसा रोकने और दोषियों की गिरफ्तारी के लिए क्या कदम उठा रही है. गृह मंत्रालय ने 2016-2019 के बीच चुनावी और राजनीतिक हिंसा में मरने वालों की बढ़ती संख्या पर गंभीर चिंता जताते हुए दोषियों पर त्वरित कार्रवाई की सलाह भी दी है.
गृह मंत्रालय के मुताबिक, 2016 में राज्य में राजनीतिक हिंसा के 509 मामले हुए थे. 2018 में ये बढ़कर 1035 हो गए. वहीं, 2019 में अब तक राजनीतिक हिंसाओं की 700 से अधिक घटनाएं हुई हैं. राजनीतिक हिंसा में 2016 में 36 लोगों की मौत का आंकड़ा 2018 में बढ़कर 96 पहुंच गया. 2019 में अब तक 26 लोगों को राजनीतिक हिंसा में अपनी जान गंवानी पड़ी है.
कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर असफल : पश्चिम बंगाल सरकार को भेजी गई एडवाइजरी में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर राज्य सरकार के असफल रहने का संकेत दिया है. इसमें कहा गया है कि जिस तरह से 2016-19 के बीच राजनीतिक हिंसा और उसमें लोगों के मरने की संख्या बढ़ी है, उससे साफ है कि राज्य में कानून-व्यवस्था से जुड़ी एजेंसियां और संस्थाएं अपने कार्य में असफल हो रही हैं. वे लोगों में सुरक्षा का भाव उत्पन्न करने में विफल हो रही हैं.
इससे केंद्र काफी चिंतित है. इससे पहले जब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ऐसी एडवाइजरी भेजी थी, तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उसे भाजपा का चुनावी दांव और राजनीतिक प्रपंच करार देते हुए कहा था कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से ठीक है.