एक ही जगह पर पढ़ें CAA मुद्दे पर ममता बनर्जी, राजनाथ सिंह, यशवंत सिन्हा, रामदेव, रविशंकर प्रसाद, राहुल गांधी सहित पक्ष-विपक्ष की बड़ी हस्तियों का बयान

By भाषा | Published: January 28, 2020 06:35 AM2020-01-28T06:35:57+5:302020-01-28T06:35:57+5:30

राहुल और प्रियंका के नेतृत्व में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने मानवाधिकार आयोग के समक्ष 31 पृष्ठों का एक प्रतिवेदन सौंपा तथा सबूत के तौर पर कुछ वीडियो सौंपे। बैठक के बाद राहुल ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने अपने ही लोगों के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है। मानवाधिकार आयोग को ‘आइडिया ऑफ इंडिया’ और नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए निर्णायक ढंग से कार्रवाई करनी चाहिए। 

West Bengal assembly passes anti-CAA resolution ramdev ravi shankar prasad P Chidambaram yashwant sinha rajnath singh | एक ही जगह पर पढ़ें CAA मुद्दे पर ममता बनर्जी, राजनाथ सिंह, यशवंत सिन्हा, रामदेव, रविशंकर प्रसाद, राहुल गांधी सहित पक्ष-विपक्ष की बड़ी हस्तियों का बयान

रविशंकर प्रसाद ने कहा शाहीन बाग का प्रदर्शन कुछ सौ लोगों द्वारा बहुमत को दबाने की कोशिश करने का सटीक उदाहरण बनता जा रहा है।

Highlightsरामदेव ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि सभी मुसलमान इसमें शामिल नहीं हैं। करोड़ों मुस्लिम देशभक्त हैं और वे भी नाखुश हैं और इसमें उन्हें बदनाम किया जा रहा है।रविशंकर प्रसाद ने कहा कि शाहीन बाग में महिलाओं के प्रदर्शन से ‘टुकड़े टुकड़े गैंग’ को सीएए के विरोध की आड़ में मंच मिल रहा है।

पश्चिम बंगाल विधानसभा ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को पारित कर दिया और ऐसा करने वाला वह चौथा गैर-भाजपा शासित राज्य बन गया, वहीं केंद्र सरकार ने कहा कि प्रत्येक राज्य को कानून को लागू करना चाहिए। प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून संविधान और मानवता के खिलाफ है। 

उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि इस कानून को तत्काल निरस्त किया जाए। हम एनपीआर को भी निरस्त कराना चाहते हैं।’’ प्रस्ताव का विपक्षी दलों कांग्रेस और माकपा नीत वाम मोर्चा दोनों ने समर्थन किया, लेकिन भाजपा ने विरोध किया। पिछले कुछ सप्ताहों में केरल, राजस्थान और पंजाब ने नये नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित किये हैं। 

सीएए के खिलाफ औपचारिक प्रस्ताव अपनाने वाले राज्यों की बढ़ती संख्या से प्रभावित हुए बिना रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह कानून किसी धर्म की भावनाओं को आहत करने के लिए नहीं बल्कि पड़ोसी देशों में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने वालों को राहत देने के लिए है। सिंह ने मंगलुरू में एक रैली में कहा कि संशोधित नागरिकता कानून एक केंद्रीय कानून है और सभी (राज्यों) को उसका पालन करना चाहिए। 

कांग्रेस पर इस मुद्दे पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए सिंह ने कहा कि कांग्रेस को राष्ट्र के प्रति अपना कर्तव्य बस इसलिए नहीं भूल जाना चाहिए कि वह विपक्ष में है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने जवाहरलाल नेहरू से हिंदुओं, सिखों जैसे अल्पसंख्यकों के भारत आने पर उन्हें नागरिकता देने को कहा था, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसी सोच को पूरा किया है। 

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने गैर-भाजपा शासित राज्यों द्वारा सीएए के विरोध में प्रस्ताव पारित करने को संवैधानिक संकट बताया और कहा कि इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि यह कानून बनाने की कोई जरूरत नहीं थी क्योंकि यह अलोकतांत्रिक है और धर्म के आधार पर लोगों को बांटता है। 

सिन्हा ने लखनऊ में संवाददाताओं से कहा, ‘‘संवैधानिक संकट की स्थिति है। आप राज्य सरकारों की अनदेखी नहीं कर सकते। आपको उन्हें विश्वास में लेना होगा।’’ संबंधित घटनाक्रम में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के दौरान प्रदर्शनकारियों पर राज्य सरकारों द्वारा किए गए कथित ‘अत्याचारों’ के खिलाफ सोमवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का रुख किया और निर्णायक कार्रवाई की मांग की। 

राहुल और प्रियंका के नेतृत्व में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने आयोग के समक्ष 31 पृष्ठों का एक प्रतिवेदन सौंपा तथा सबूत के तौर पर कुछ वीडियो सौंपे। बैठक के बाद राहुल ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने अपने ही लोगों के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है। मानवाधिकार आयोग को ‘आइडिया ऑफ इंडिया’ और नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए निर्णायक ढंग से कार्रवाई करनी चाहिए। 

आयोग के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात के बाद पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा कि आयोग ने सबूतों पर विचार करने और आगे कदम उठाने का आश्वासन दिया है। बसपा ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दर्ज मामलों को वापस लेने की मांग की। लखनऊ के ऐतिहासिक क्लॉक टॉवर समेत राज्य के अनेक हिस्सों में महिलाएं सीएए तथा एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं। 

बसपा अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट किया, ‘‘सीएए तथा एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं और अन्य लोगों के खिलाफ भाजपा नीत उत्तर प्रदेश सरकार ने जो गलत मामले दर्ज किये, उन्हें तत्काल वापस लिया जाना चाहिए और इस दौरान अपने परिजनों को गंवाने वालों को उचित मदद मिलनी चाहिए, यह बसपा की मांग है।’’ 

इस बीच योग गुरू रामदेव ने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दल गैर-जिम्मेदाराना बर्ताव कर रहे हैं और संशोधित कानून पर डर पैदा कर रहे हैं। उन्होंने हालांकि दल का नाम नहीं लिया। रामदेव ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि सभी मुसलमान इसमें शामिल नहीं हैं। करोड़ों मुस्लिम देशभक्त हैं और वे भी नाखुश हैं और इसमें उन्हें बदनाम किया जा रहा है। सभी जिम्मेदार लोगों को इसकी पुष्टि करनी चाहिए।’’ 

दिल्ली में प्रदर्शन के सबसे बड़े केंद्र बने शाहीन बाग पर नया राजनीतिक टकराव सामने आया जब वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद पर निशाना साधते हुए कहा कि इस प्रदर्शन का मजाक उड़ाना अहिंसा और सत्याग्रह के महात्मा गांधी के सिद्धांतों का मजाक उड़ाने की तरह है। 

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि शाहीन बाग में महिलाओं के प्रदर्शन से ‘टुकड़े टुकड़े गैंग’ को सीएए के विरोध की आड़ में मंच मिल रहा है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि यह प्रदर्शन कुछ सौ लोगों द्वारा बहुमत को दबाने की कोशिश करने का सटीक उदाहरण बनता जा रहा है।

Web Title: West Bengal assembly passes anti-CAA resolution ramdev ravi shankar prasad P Chidambaram yashwant sinha rajnath singh

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