'हमने लाइसेंस लेकर कुछ भी गलत नहीं किया', पंतजलि की कोरोना दवा विवाद पर CEO आचार्य बालकृष्ण ने दी सफाई
By स्वाति सिंह | Published: June 25, 2020 07:49 PM2020-06-25T19:49:01+5:302020-06-25T20:19:20+5:30
केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपाद वाई नाइक ने कहा है कि उन्हें (पतंजलि आयुर्वेद) को अंतिम मंजूरी मिलने से पहले इसका (कोरोनिल) विज्ञापन नहीं करना चाहिए था। नाइक ने कहा, 'फिलहाल, हमने उनसे अपेक्षित प्रक्रियाएं पूरी करने को कहा है।
नई दिल्ली: योग गुरु बाबा रामदेव (Yoga Guru Ramdev) की पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurved) निर्मित कोरोना वायरस के लिए कोरोनिल दवाई (Corona Medicine) लॉन्च होते ही विवादों में घिर गई है। इस दवा पर आयुष मंत्रालय (Ministry of AYUSH) ने रोक लगा दी है। इसी बीच गुरुवार को पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि हमने लाइसेंस लेकर कुछ भी गलत नहीं किया है। उन्होंने कहा, 'हमने दवा (कोरोनिल) का विज्ञापन नहीं किया, हमने लोगों को दवा के प्रभावों के बारे में बताने की कोशिश की'।
उन्होंने आगे कहा, 'हमने दवा बनाने के लिए सभी प्रक्रियाओं का पालन किया है (कोरोनिल)। हमने दवा में प्रयुक्त यौगिकों के शास्त्रीय साक्ष्य के आधार पर लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। हमने लोगों के सामने यौगिक परीक्षणों पर काम किया और रोजाना परीक्षण के परिणाम सामने रखे।'
इससे पहले बुधवार को बाबा रामदेव ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'आयुर्वेद का विरोध एवं नफरत करने वालों के लिए घोर निराशा की खबर।'We have not done anything wrong while obtaining the licence. We did not advertise the medicine (Coronil), we just tried to tell people about the effects of the medicine: Patanjali CEO Acharya Balkrishna https://t.co/Gw2Ck1RLUl
— ANI (@ANI) June 25, 2020
अंतिम मंजूरी से पहले नहीं करना चाहिए था विज्ञापन: केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपाद वाई नाइक
केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपाद वाई नाइक ने कहा है कि उन्हें (पतंजलि आयुर्वेद) को अंतिम मंजूरी मिलने से पहले इसका (कोरोनिल) विज्ञापन नहीं करना चाहिए था। नाइक ने कहा, 'फिलहाल, हमने उनसे अपेक्षित प्रक्रियाएं पूरी करने को कहा है। उन्होंने इसे हमारे पास भेज दिया है और हम जल्द ही इस बारे में फैसला लेंगे।' इससे पहले आयुष मंत्रालय के रुख से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद और केंद्रीय मंत्री रह चुके सत्यपाल सिंह के ट्वीट से प्रतीत हो रहा है कि वह आयुष मंत्रालय द्वारा दवा पर तत्काल रोक लगाने के फैसले से नाराज हैं।
आयुर्वेद ड्रग्स लाइसेंस अथॉरिटी ने भेजा नोटिस
अथॉरिटी के उपनिदेशक यतेंद्र सिंह रावत ने कहा, 'बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि को कोरोना की दवा के लिए नहीं बल्कि इम्युनिटी बूस्टर और खांसी-जुकाम की दवा के लिए लाइसेंस जारी किया गया था। लेकिन उन्हें मीडिया के माध्यम से ही पता चला कि बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि द्वारा कोरोना की किसी दवा का दावा किया जा रहा है। रावत ने कहा 'भारत सरकार का निर्देश है कि कोई भी कोरोना के नाम पर दवा बनाकर उसका प्रचार-प्रसार नहीं कर सकता। आयुष मंत्रालय से वैधता मिलने के बाद ही ऐसा करने की अनुमति होगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल, विभाग की ओर से पतंजलि को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है। योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने कोविड-19 के इलाज में शत-प्रतिशत कारगर होने का दावा करते हुए मंगलवार (23 जून) को बाजार में एक टैबलेट उतारी। इस दवा का नाम 'दिव्य कोरोनिल टैबलेट' (Divya Coronil Tablet) है।
आयुष मंत्रालय ने कहा- जांच-पड़ताल होने तक दवाई का पतंजलि प्रचार ना करें
योग गुरु बाबा रामदेव द्वारा कोरोना किट लॉन्च करने के कुछ घंटे बाद 23 जून को आयुष मंत्रालय ने कहा था कि पतंजलि को इस औषधि में मौजूद विभिन्न जड़ी-बूटियों की मात्रा एवं अन्य ब्योरा यथाशीघ्र उपलब्ध कराने होंगे। आयुष मंत्रालय ने साथ में यह भी कहा कि विषय की जांच-पड़ताल होने तक कंपनी को इस उत्पाद का प्रचार भी बंद करना होगा।
आयुष मंत्रालय ने कहा था कि इस दवा के तथ्य और बताया जा रहे वैज्ञानिक अध्ययन के ब्योरे के बारे में उसे जानकारी नहीं है। पतंजलि को नमूने के आकार, स्थान एवं उन अस्पतालों का ब्योरा देने को कहा गया था, जहां अनुसंधान अध्ययन किया गया। साथ ही, संस्थागत नैतिकता समिति की मंजूरी भी दिखाने को कहा गया है।