दारुल उलूम देवबंद का अनोखा फतवा, 'वैक्सिंग और शेविंग कराना शरिया के खिलाफ'
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: July 20, 2018 04:48 PM2018-07-20T16:48:26+5:302018-07-20T17:45:01+5:30
एक नया फरमान दारुल उलूम देवबंद के दौरा लागू किया गया है। खबर के अनुसार दारुल उलूम देवबंद ने एक और अजीबो-गरीब फरमान सुनाया है।
मुजफ्फरनगर, 20 जुलाई: मुस्लिम महिलाओं के किसी अनजान मर्द से मेहंदी लगवाने को गैर-इस्लामिक करार दिया गया है। अब एक नया फरमान दारुल उलूम देवबंद के दौरा लागू किया गया है। खबर के अनुसार दारुल उलूम देवबंद ने एक और अजीबो-गरीब फरमान सुनाया है।
देवबंद ने कहा है कि शरिया के तहत शेविंग कराना सही नहीं है। ये बाद बेहद चौंकाने वाली है। दरअसल अब्दुल अजीज नाम के एक शख्स ने पूछा था कि क्या महिलाओं और पुरुषों का शेविंग या हाथ और पैर में वैक्सिंग कराना शरिया के तहत सही है।
इसी सवाल का जवाब देवबंद के द्वारा दिया गया है। जिसमें फतवा विभाग ने नाभी के नीचे के हिस्से, बगल और मूंछ के अलावा शरीर के किसी भी अन्य हिस्से के बाल हटाना शरिया के तहत सही नहीं ठहराया है। देवबंद ने अपने लिखित जवाब में कहा है कि वैक्सिंग और शेविंग के जरिए शरीर के हिस्सों से बाल हटाना खिलाफ-ए-अदब है। किसी को भी किसी भी तरह से बाल नहीं कटवाना चाहिए।
वहीं, फतवे पर देवबंद के मौलाना सलीम अशरफ कासमी का कहना है कि फतवा पूरी तरह सही है और ये शरिया के नियमों के अनुसार का ही है। फतवे में वैक्सिंग और शेविंग को खिलाफ-ए-अदब कहा गया है, हराम नहीं।' हानी ये गलत है हराम नहीं।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब देवंबद के द्वारा को विवादित फतवा जारी कर चुका है। इससे पहले जारी फतवा में कहा गया है कि मुस्लिम महिलाओं के मेंहदी लगवाने को गैर इस्लामिक करार देने से पहले फरवरी में भी देवबंद ने एक फतवा जारी किया था जिसमें महिलाओं के गैर मर्दों से चूड़ी पहनने को (दुकान पर) इस्लाम के खिलाफ और पाप बताया गया था।