तिवरे बांध दुर्घटना: महाराष्ट्र के जल संरक्षण मंत्री ने हादसे के लिए केकड़ों को ठहराया जिम्मेदार
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: July 6, 2019 10:09 AM2019-07-06T10:09:37+5:302019-07-06T10:09:37+5:30
यह हादसा मंगलवार की रात हुआ. अब तक 18 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं. मंत्री ने यह भी कहा कि किस्मत में जो लिखा है, वही होगा. उन्होंने कहा,''मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा गठित एसआईटी जल्द ही इस पर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी.
राज्य के जल संरक्षण मंत्री तानाजी सावंत ने तटीय रत्नागिरि जिले की चिपलूण तहसील में स्थित तिवरे बांध के फूट जाने की घटना को ''प्राकृतिक आपदा'' बताते हुए कहा कि केकड़ों ने बांध की दीवारों को कमजोर कर दिया था, इसलिए यह हादसा हुआ.
यह हादसा मंगलवार की रात हुआ. अब तक 18 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं. मंत्री ने यह भी कहा कि किस्मत में जो लिखा है, वही होगा. उन्होंने कहा,''मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा गठित एसआईटी जल्द ही इस पर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी.
हमें जल्द पता चल पाएगा कि क्या दिक्कत आई?'' सावंत ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अधिकारियों और स्थानीय लोगों ने उन्हें बताया है कि बड़ी संख्या में केकड़ों ने बांध की दीवार को कमजोर कर दिया था. इसकी सूचना मिलने पर कई एहतियाती उपाय किए गए.
मंत्री ने कहा, '' मात्र आठ घंटे के भीतर 192 मिमी बारिश हुई, जो कि बांध जलग्रहण क्षेत्र में रिकॉर्ड है. मुझे मिली जानकारी के अनुसार बांध का पानी पिछले आठ घंटे में आठ मीटर बढ़ा. ग्रामीणों को बादल फटने के कारण की भी आशंका है.'' मंत्री ने कहा कि हालांकि इसकी चर्चा समिति में की जाएगी.
उन्होंने कहा, '' यह एक दुर्घटना थी, लेकिन मुझे लगता है कि आप अपनी किस्मत नहीं बदल सकते, जो भी होना है, वह होगा. यह एक प्राकृतिक आपदा की तरह है.'' बांध की मरम्मत का काम खराब तरीके से होने के सवाल पर उन्होंने कहा,'' हमें इसका एहसास तब हुआ जब बांध में पानी जमा होने लगा.''
गौरतलब है कि जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने पिछले साल पुणे में मुथा नहर की दाहिनी दीवार गिरने के लिए चूहों को जिम्मेदार ठहराकर एक विवाद खड़ा कर दिया था. न्यायिक जांच कराई जाए और दोषी विधायक को दंडित किया जाए : राकांपा राज्य के विपक्षी दलों ने तिवरे बांध फूटने और 18 लोगों की जान चले जाने के लिए केकड़ों को जिम्मेदार ठहराने पर मंत्री तानाजी सावंत की शुक्रवार को आलोचना की.
राकांपा के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा,'' केकड़ांे को जिम्मेदार मत ठहराइए, क्योंकि आप एक बड़ी भ्रष्ट मछली को बचा रहे हैं. पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच कराई जाए और दोषी विधायक को दंडित किया जाए.'' मलिक ने कहा कि बांध फूटने के लिए केकड़ों को जिम्मेदार ठहराना 'बेशर्मी की इंतहा' है. उन्होंने सावंत पर स्थानीय शिवसेना विधायक सदानंद चव्हाण को बचाने का आरोप लगाया, जो मीडिया के अनुसार इस बांध के ठेकेदार थे.
सावंत पर प्रहार करते हुए राकांपा नेता अजित पवार ने कहा कि यदि शिवसेना नेता को इस त्रासदी के लिए जीव-जंतु को ही जिम्मेरार ठहराना था तो उन्होंने मंत्री का कार्यभार क्यों संभाला? भाजपा-शिवसेना के मंत्री कब अपनी विफलताएं स्वीकार करेंगे? कांग्रेस नेता सचिव सावंत ने कहा कि शिवसेना मंत्री को अपने पर शर्म आनी चाहिए.