बिहार विधानसभा शीतकालीन सत्रः 243 विधायक को शपथ दिलाएंगे प्रोटेम स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव, निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाएंगे डॉ. प्रेम कुमार?
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 1, 2025 11:31 IST2025-12-01T10:59:32+5:302025-12-01T11:31:56+5:30
Bihar Assembly Winter Session: ‘नेशनल ई-विधान’ (नेवा) भारत सरकार की ‘डिजिटल इंडिया’ पहल के अंतर्गत विकसित एक डिजिटल मंच है।

Bihar Assembly Winter Session
पटनाः सीएम नीतीश कुमार अपने डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा के साथ आज से शुरू हो रहे नवनिर्वाचित बिहार विधानसभा के पहले सत्र के लिए पहुंचे। बिहार विधानसभा के सोमवार से शुरू हो रहे पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र के पहले दिन नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी। प्रोटेम स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव सदस्यों को शपथ दिलाने की प्रक्रिया संपन्न कराएंगे। शपथ ग्रहण के तुरंत बाद नए विधानसभा अध्यक्ष के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता डॉ. प्रेम कुमार के निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाने की संभावना है।
#WATCH | Patna | CM Nitish Kumar, along with his deputy CMs Samrat Choudhary and Vijay Kumar Sinha, arrives for the first session of the newly elected Bihar Legislative Assembly which begins today pic.twitter.com/u1Ojs76HmS
— ANI (@ANI) December 1, 2025
हालांकि, यदि एक से अधिक नामांकन दाखिल होते हैं तो दो दिसंबर को मतदान कराया जाएगा। इस सत्र का प्रमुख आकर्षण विधानसभा की कार्यवाही का पूर्णतः ‘पेपरलेस’ (कागज रहित) होना है। सदन ‘नेशनल ई-विधान’ (नेवा) मंच के माध्यम से संचालित होगा। ‘नेशनल ई-विधान’ (नेवा) भारत सरकार की ‘डिजिटल इंडिया’ पहल के अंतर्गत विकसित एक डिजिटल मंच है।
जिसका उद्देश्य देश की सभी विधानसभाओं और संसद को ‘पेपरलेस’ बनाना है। यह एकीकृत प्रणाली विधायी कार्यों को तकनीक-संचालित और पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। जिसमें सवाल-जवाब, नोटिस, भाषण, संशोधन प्रस्ताव और मतदान की समस्त प्रक्रियाएं डिजिटल माध्यम से होंगी।
अधिकारियों और विधायकों को टैबलेट उपलब्ध कराए गए हैं तथा सदन में उच्च गति वाले वाई-फाई की व्यवस्था भी की गई है। सदन में उन्नत सेंसरयुक्त माइक्रोफोन और छह बड़े ‘डिस्प्ले स्क्रीन’ लगाए गए हैं, जिन पर वास्तविक समय में वोटिंग परिणाम और कार्यवाही से संबंधित अन्य जानकारियां प्रदर्शित होंगी। सजीव प्रसारण की सुविधा से पारदर्शिता बढ़ने की उम्मीद है। राजनीतिक दृष्टि से भी यह सत्र खास माना जा रहा है। लगभग 10 वर्षों बाद सत्ता पक्ष में 200 से अधिक विधायक बैठेंगे, जिससे सदन का समीकरण पूरी तरह बदल गया है।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रचंड बहुमत के कारण सरकार के लिए विधायी एजेंडा आगे बढ़ाना आसान होगा, जबकि विपक्ष मात्र 38 सदस्यों तक सिमट गया है। ऐसे में विपक्ष पर अधिक प्रभावी ढंग से अपनी भूमिका निभाने का दबाव रहेगा। गौरतलब है कि इससे पहले 2010 में राजग विधायकों की संख्या 200 से अधिक थी।